लट् लकार वर्तमान काल

लट् लकार वर्तमान काल | Sanskrit

लट् लकार क्या है?

लट् लकार वर्तमान काल : लट् लकार संस्कृत भाषा में वर्तमान काल (Present tense) को व्यक्त करने का तरीका है। हम लट् लकार से किसी भी वाक्य को वर्तमान काल में लिख या बोल सकते हैं।

वर्तमान काल क्या है?

काशिकाकार कहते हैं –

आरब्धः अपरिसमाप्तश्च वर्तमानः।

अर्थात् जो क्रिया शुरू हो चुकी है (आरब्धः) किन्तु समाप्त नहीं हुई है (अपरिसमाप्तः) उसे वर्तमान काल की क्रिया कहते हैं। ऐसी क्रिया को व्यक्त करने के लिए लट् लकार का प्रयोग होता है। जैसे कि –

  • नदी प्रवहति। (नदी बहती है।)

नदी के बहने की क्रिया शुरू हो चुकी है किन्तु नदी का बहना समाप्त नहीं हुआ है।

  • छात्राः पठन्ति। (विद्यार्थी पढ़ते हैं।)

विद्यार्थियों का पढ़ना आरंभ हो चुका है लेकिन समाप्त नहीं हुआ है।

  • व्यजनं भ्रमति। (पंखा घूमता है।)

पंखे का घूमना शुरू हो चुका है। लेकिन खत्म नहीं हुआ है।

अतः ये क्रियाएं वर्तमान काल में हैं। ऐसी क्रियाओं को व्यक्त करने के लिए संस्कृत भाषा में लट् लकार का प्रयोग किया जाता है।

लट् लकार के प्रत्यय

पहले हमें यह समझना चाहिए कि संस्कृत में क्रियापद कैसे बनता है। क्रियापद बनता है धातुओं से। कभीकबार धातुओं से पूर्व में उपसर्ग भी हो सकते हैं। और ऐसे धातुओं से लकार प्रत्यय लगार क्रियापद बनता है। और वर्तमान में क्रियापद बनाने के लिए लट् लकार होता है। लट् लकार की मदद से संस्कृत में वर्तमानकाल के वाक्य बनाने के लिए आप को सर्वप्रथम लट् लकार के प्रत्यय कण्ठस्थ (मुखोद्गत) करने आवश्यक हैं। इन प्रत्ययों को याद करने के बाद आप को वाक्यों के अर्थों को समझने में कोई भी परेशानी नहीं होगी। परन्तु पहली शर्त यही है कि आप के ये निम्नलिखित १८ प्रत्यय स्मरण होने चाहिए।

लट् लकार के कुल १८ प्रत्यय हैं। ये प्रत्यय दो प्रकार के हैं – १) परस्मैपदी प्रत्यय, २) आत्मनेपदी प्रत्यय।

परस्मैपदी प्रत्यय

लट् लकार के ९ परस्मैपदी प्रत्यय हैं –

एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमः पुरुषः ति तः न्ति
मध्यमः पुरुषः सि थः
उत्तमः पुरुषः मि वः मः

लट् लकार – परस्मैपदी प्रत्यय

आत्मनेपदी प्रत्यय

लट् लकार के ९ आत्मनेपदी प्रत्यय हैं।

एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमः पुरुषः ते इते न्ते
मध्यमः पुरुषः से इथे ध्वे
उत्तमः पुरुषः वहे महे

लट् लकार – आत्मनेपदी प्रत्यय

लट् लकार की मदद से संस्कृत में वर्तमान काल के वाक्य कैसे बनाएं?

यदि आप ने उपर्युक्त प्रत्ययों को कण्ठस्थ कर लिए है तो हम आगे बढ़ सकते हैं।

हमारे वाक्य का कर्ता (क्रिया करने वाला) जिस वचन और जिस पुरुष का होंगा, उस ही वचन और पुरुष का प्रत्यय धातु को लगाकर संस्कृत में क्रियापद बनता है।

लट् लकार का उदाहरण

पठ् धातु + लट् लकार

पठ् धातुः एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमः पुरुषः पठति पठतः पठन्ति
मध्यमः पुरुषः पठसि पठथः पठथ
उत्तमः पुरुषः पठामि पठावः पठामः

लट् लकार – पठ् धातु

लट् लकार हिन्दी अर्थ

पठ् धातुः एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमः पुरुषः पठति पठतः पठन्ति
पढ़ता है। (दोनों) पढ़ते हैं। (सब) पढ़ते हैं।
मध्यमः पुरुषः पठसि पठथः पठथ
(तुम) पढ़ते हो। (तुम दोनों) पढ़ते हो। (तुम सब) पढ़ते हो।
उत्तमः पुरुषः पठामि पठावः पठामः
(मैं) पढ़ता हूँ। (हम दोनों) पढ़ते हैं। (हम सब) पढ़ते हैं।

लट् लकार – पठ् धातु – हिन्दी अर्थ

लट् लकार के वाक्य

प्रथम पुरुष

पुँल्लिंग

  • बालकः गच्छति।
  • बालक जाता है।
  • बालकौ गच्छतः।
  • दो बालक जाते हैं।
  • बालकाः गच्छन्ति।
  • सभी बालक जाते हैं।

स्त्रीलिंग

  • बालिका गच्छति।
  • बालिका जाती है।
  • बालिके गच्छतः।
  • दो बालिकाएं जाती हैं।
  • बालिकाः गच्छन्ति।
  • सभी बालिकाएं जाती हैं।

नपुंसकलिंग

  • यानं गच्छति।
  • वाहन जाती है।
  • याने गच्छतः।
  • दो वाहन जाते हैं।
  • यानानि गच्छन्ति।
  • सभी वाहन जाते हैं।

मध्यम पुरुष

  • त्वं गच्छसि।
  • तुम जाते हो।
  • युवां गच्छथः।
  • तुम दोनों जाते हो।
  • यूयं गच्छथ।
  • तुम सब जाते हो।

उत्तम पुरुष

  • अहं गच्छामि।
  • मैं जाता हूँ।
  • आवां गच्छावः।
  • हम दोनों जाते हैं।
  • वयं गच्छामः।
  • हम सब जाते हैं।

इसे भी पढ़ें :  लङ् लकार। भूतकाल। संस्कृत॥

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