भारतीय पुरातत्व का पिता किसे कहा जाता है – Bhartiya Puratatva Ka Pita Kise Kaha Jata Hai
दोस्तों आज के पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं कि भारतीय पुरातत्व का पिता किसे कहा जाता है तो अगर आप इसके बारे में जानकारी जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को जरुर पढ़ें।
भारतीय पुरातत्व का पिता किसे कहा जाता है
(A) मॉर्टिमर व्हीलर
(B) जॉन मार्शल
(C) अलेक्जेंडर कनिंघम
(D) जेम्स प्रिंसेप
Answer: (C) अलेक्जेंडर कनिंघम
भारतीय पुरातत्व का पिता अलेक्जेंडर कनिंघम कहा जाता है।
अलेक्जेंडर कनिंघम (1814-1893) को एक ब्रिटिश सेनाधिकारी के रूप में बंगाल इंजीनियर्स के साथ काम करने के लिए तैनात किया गया था। 1861 ई. में सेना से सेवानिवृत्ति के पश्चात उन्हें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का पहला महानिदेशक नियुक्त किया गया था। इन्ही के कार्यकाल में हड़प्पा की खुदाई हुई थी।
इन्हें इनके योगदानों के लिए 20 मई, 1870 को ऑर्डर ऑफ स्टार ऑफ इंडिया (सी.एस.आई) से सम्मानित किया गया था। बाद में 1878 में इन्हें ऑर्डर ऑफ इंडियन एम्पायर से भी सम्मानित किया गया। 1887 में इन्हें नाइट कमांडर ऑफ इंडियन एंपायर घोषित किया गया।
पुरातत्व विभाग के उच्च पदों पर रहते हुए कनिंघम ने भारत के प्राचीन विस्मृत इतिहास के विषय में काफी जानकारी संसार के सामने रखी। प्राचीन स्थानों की खोज और अभिलेखों एवं सिक्कों के संग्रहण द्वारा उन्होंने भारतीय अतीत के इतिहास की शोध के लिए मूल्यवान् सामग्री जुटाई और विद्वानों के लए इस दिशा में कार्य करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
भारतीय पुरातत्व का जनक अलेक्जेंडर कनिंघम को कहा जाता है क्योंकि उन्होंने ही 1863 में मद्रास के पल्लवरम से पुरापाषाण उपकरण की खोज की थी। इसी के साथ उन्होंने बहुत सारे इतिहास और प्राचीन काल संबंधित मैं खोज की थी। तो अगर आप भी सरकार एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो ऐसे प्रश्न एग्जाम में अक्सर पूछे जाते हैं। इसलिए आपको इसके बारे में जानकारी होना जरूरी है।
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