भक्ति आंदोलन के प्रमुख कारण

भक्ति आंदोलन के प्रमुख कारण

भक्ति आंदोलन के प्रमुख कारण भक्ति आंदोलन के प्रमुख कारण : प्राचीन काल से ही मनुष्य को मोक्ष प्राप्ति के लिए तीन मार्गों का ज्ञान दिया गया है। यह मार्ग है कर्म मार्ग, ज्ञान मार्ग और भक्ति मार्ग। धर्म और ज्ञान का अनुसरण ही भक्ति मार्ग का प्रतीक है। भक्ति का अस्तित्व भारत में प्राचीन काल … Read more

हिंदी साहित्य के आदिकाल का नामकरण

हिंदी साहित्य के आदिकाल का नामकरण

हिंदी साहित्य के आदिकाल का नामकरण एवं सीमांकन। हिंदी साहित्य के आदिकाल का नामकरण : किसी भी विषय के इतिहास को समझने के लिए उसका काल विभाजन अत्यंत अनिवार्य होता है।  काल विभाजन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा ऐतिहासिक तथ्यों का सुगमता से अध्ययन किया जा सकता है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल का  हिंदी साहित्य का … Read more

लहनासिंह का चरित्र-चित्रण

‘उसने कहा था’ के आधार पर लहनासिंह का चरित्र-चित्रण

‘उसने कहा था’ के आधार पर लहनासिंह का चरित्र-चित्रण | पं. चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी ‘उसने कहा था’ के आधार पर लहनासिंह का चरित्र-चित्रण | लहनासिंह का चरित्र-चित्रण  ‘उसने कहा था’ के आधार पर लहनासिंह का चरित्र-चित्रण | पं. चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी ‘उसने कहा था’ के आधार पर लहनासिंह का चरित्र-चित्रण | लहनासिंह का चरित्र-चित्रण ‘उसने … Read more

संक्षेपण अर्थ विशेषताएं और नियम

संक्षेपण अर्थ विशेषताएं और नियम

संक्षेपण : अर्थ, विशेषताएं और नियम ( Sankshepan : Arth, Visheshtayen Aur Niyam ) संक्षेपण अर्थ विशेषताएं और नियम : संक्षेपण एक कला है जिसका संबंध किसी विस्तृत विषय वस्तु या संदर्भ को संक्षेप में प्रस्तुत करने से होता है । विभिन्न संस्थानों, कार्यालयों और विद्यार्थियों के लिए इसका विशेष महत्व है । इसके अंतर्गत … Read more

पुरस्कार कहानी का सारांश | Purskar kahani ka saar

पुरस्कार कहानी का सारांश | Purskar kahani ka saar

पुरस्कार कहानी का सारांश | Purskar kahani ka saar पुरस्कार कहानी का सारांश : कहानीकार जयशंकर प्रसाद जी की सर्वश्रेष्ठ कहानियों में से पुरस्कार भी एक है। यह एक सफल भाव – प्रधान और यथार्थवादी आदर्श कहानी है। इसका मूल उद्देश्य है – वैयक्तिक प्रेम तथा राष्ट्र प्रेम की मर्यादा का निर्वाह। प्रस्तुत कहानी का केंद्र बिंदु … Read more

कबीरदास के पदों की व्याख्या

कबीरदास के पदों की व्याख्या

कबीरदास के पदों की व्याख्या ( बी ए – हिंदी, प्रथम सेमेस्टर ) कबीरदास के पदों की व्याख्या : ( यहाँ KU, MDU, CDLU विश्वविद्यालयों द्वारा बी ए प्रथम सेमेस्टर -हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘मध्यकालीन काव्य कुंज’ में संकलित ‘कबीरदास’ के पदों की सप्रसंग व्याख्या दी गई है । ) कबीरदास के पदों की व्याख्या … Read more

नाटक के तत्व

नाटक के तत्त्व

नाटक के तत्व | Natak ke tattav नाटक के तत्व – नाटक साहित्य की प्राचीनतम विधा है। नाटक का अभिनय रंगमंच पर होता है, उसे देखने से दर्शक के हृदय में यथा भाव जाग्रत होते हैं, इसलिए इसे संस्कृत में दृश्य काव्य की संज्ञा दी गई है। परन्तु यहाँ हमें नाटक को साहित्य की विधा … Read more

आशा का अंत : बालमुकुंद गुप्त

आशा का अंत : बालमुकुंद गुप्त

आशा का अंत : बालमुकुंद गुप्त ( Asha Ka Ant : Balmukund Gupt )  ‘आशा का अंत’ बालमुकुंद गुप्त द्वारा लिखित एक व्यंग्य लेख है जो ब्रिटिश सरकार की शोषणकारी नीतियों व कुशासन पर तीखा प्रहार करता है । आशा का अंत : बालमुकुंद गुप्त ( Asha Ka Ant : Balmukund Gupt ) माई लार्ड! … Read more

गद्यांश की व्याख्या कैसे करें 

गद्यांश की व्याख्या कैसे करें

गद्यांश की व्याख्या कैसे करें गद्यांश की व्याख्या : अधिकांश बच्चे इस प्रश्न को छोड़ देते हैं या आधा – अधूरा हल करते हैं।  यह प्रश्न कठिन होते हुए भी सरल है , बच्चों को यह पता नहीं होता कि गद्यांश किस पाठ से लिया गया है, इसके रचनाकार या लेखक कौन हैं इसलिए उनके … Read more

चंद्रगुप्त का चरित्र चित्रण

चंद्रगुप्त का चरित्र चित्रण

चंद्रगुप्त का चरित्र चित्रण ( ध्रुवस्वामिनी ) चंद्रगुप्त का चरित्र चित्रण:  ‘ध्रुवस्वामिनी’ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक ऐतिहासिक नाटक है । नाटक के शीर्षक से ही पता चलता है कि नाटक का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र ध्रुवस्वामिनी है । नाटक के पुरुष पात्रों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र चंद्रगुप्त, रामगुप्त,  शिखर स्वामी और शकराज हैं । नाटक में … Read more

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