क्रिप्स मिशन | Cripps Mission In Hindi UPSC PDF DOWNLOAD
क्रिप्स मिशन Cripps Mission In Hindi : ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों का समर्थन द्वितीय विश्व युद्ध में पाने के लिए मार्च 1942 में सर स्टैफोर्ड क्रिप्स की अध्यक्षता में एक कमेटी भेजी उसका नाम क्रिप्स मिशन रखा गया।
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क्रिप्स मिशन (Cripps Mission in Hindi)
नाम (Name) | क्रिप्स मिशन (cripps mission hindi) |
भारत कब आया | मार्च 1942 |
अध्यक्ष | सर स्टैफोर्ड क्रिप्स |
उद्देश्य | द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीयों का साथ |
भारत में बातचीत | गांधीजी और मुहम्मद अली जिन्ना |
क्रिप्स मिशन सफल या असफल | क्रिप्स मिशन असफल रहा |
भारत में कब क्यों और किसकी अध्यक्षता में आया
क्रिप्स मिशन ब्रिटिश सरकार के वामपंथी लेबर पार्टी के मंत्री सर स्टैफोर्ड क्रिप्स की अध्यक्षता में भारत आया। यह वही लेबर पार्टी थी जो भारत को स्वशासन देने में विश्वास रखती थी।
सर स्टैफोर्ड क्रिप्स को भारत में मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मुहम्मद अली जिन्ना और कांग्रेस में गांधीजी से बातचीत के लिए भेजा था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने क्रिप्स के प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया था। और अंग्रेजो के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन का शंखनाद किया। जिसके बाद ये मिशन तो फेल हो गया लेकिन ब्रिटिश हुकूमत ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
क्रिप्स मिशन आने के कारण
- अटलांटिक घोषणा सम्पूर्ण विश्व में लागू होनी चाहिए ऐसा अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने ब्रिटिश सरकार को निर्देश दिए थे।
- आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने कहा था की यदि भारत से ब्रिटिश को कोई भी जापान के विरुद्ध सहायता चाहिए तो उसे भारत को आजाद कर देना चाहिए।
- 24 फरवरी, 1942 ई. को ब्रिटिश पार्लियामेंट में भारत की समस्या पर खूब चर्चा हुई और इसका जल्द निस्तारण का फैसला लिया गया।
- 8 मार्च 1942 को जापान ने वर्मा की तत्कालीन राजधानी रंगून पर अपना कब्जा कर लिया और युद्ध विशेषज्ञों ने अंदाजा लगाया कि वह जल्द ही भारत पर भी आक्रमण कर सकता है।
क्रिप्स मिशन के सुझाव/ उपबन्ध/ प्रस्ताव
- ब्रिटिश सरकार ने भारत को आश्वासन दिया की भारत को ब्रिटिश मंडल के अंतर्गत ही औपनिवेशिक स्वराज्य दिया जायेगा।
- भारत की जनता को आश्वासन दिया गया कि द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात एक संविधान सभा का गठन किया जाएगा जिसे अंग्रेज सरकार भी मानेगी।
- सभी देसी रियासतो को भारतीय संघ में शामिल होकर या नही होकर औपनिवेशिक शासन का अधिकार रहेगा।
- जैसे ब्रिटिश भारत में जनसंख्या के अनुपात अनुसार प्रतिनिधि चुने जाते हैं उसी अनुसार देसी रियासतों को भी अपने प्रतिनिधि विधानसभा में भेजने का अधिकार होगा।
- शासन हस्तांतरण और जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक का निर्णय ब्रिटिश सरकार करेगी।
- ब्रिटिश सरकार भारत की रक्षा के लिए उत्तरदायी होगी।
- यदि भारत चाहता है तो राष्ट्रमंडल देशों से दूर जा सकता है।
क्रिप्स मिशन की विफलता के कारण
- प्रस्ताव में जो बाते थे वो युद्ध के बाद पूरी नहीं होने वाली थी। जिसके कारण भारत में इसका विरोध होना प्रभावी था।
- कांग्रेस के नेताओं का दूरदर्शी होना भी इसका एक कारण रहा।
- ब्रिटिश सरकार की ढीली नीति: भारत को वो कुछ भी देने को तैयार नहीं थे जो स्वशासन वो देना चाहते है वो भी युद्ध के बाद देने का प्रस्ताव था।
- सांप्रदायिकता को बढ़ावा: ब्रिटिश सरकार ने सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया और कई राज्यों में पाकिस्तान को लेकर मांग उठने लगी।