Short Desh Bhakti Poem in Hindi | 5 देश भक्ति कविताएँ
इस लेख में आप Desh Bhakti Poem in Hindi पढ़ेंगे और ये सभी Patriotic देश भक्ति कविताएँ देशप्रेम की भावना पर आधारित हैं। समस्त भारतवासियों के लिए स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं सहित कुछ देशभक्ति कवितायेँ हम शेयर कर रहे हैं। यह कवितायेँ प्रसिद्ध कवियों द्वारा लिखीं गयी हैं। इनमें से कई कवितायेँ आपने बचपन में भी सुनी होंगी।
Desh Bhakti Poem in Hindi | 5 देश भक्ति कविताएँ
हम भारतवासियों में अपने देश के प्रति जो प्रेम की भावना कूट कूट कर भरी है, यही भावना ही हमारे देश को दूसरे देशों से महान बनाती है। इस भारतवर्ष की पवित्र भूमि पर देवता भी जन्म लेने को तरसते हैं।
धन्य हैं हम लोग जो हमने इस जमीं पर जन्म लिया और हमें गर्व है इस बात पर कि हम सब भारतवासी हैं। अपने देश की आन, बान और शान के लिए हम अपने प्राणों को न्यौछावर करने को सदैव तैयार रहते हैं। मेरा देश महान है, मेरा भारत महान है। आइये आज स्वतंत्रता दिवस की पावन वेला पर हम फिर से कुछ कविताओं को पढ़ते हैं-
Hindi Desh Bhakti Poem – झंडा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हरषाने वाला
मातृभूमि का तन-मन सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जावे भय संकट सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
इस झंडे के नीचे निर्भय,
हो स्वराज जनता का निश्चय,
बोलो भारत माता की जय,
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
आओ प्यारे वीरों आओ,
देश-जाति पर बलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
इसकी शान न जाने पावे,
चाहे जान भले ही जावे,
विश्व-विजय करके दिखलावे,
तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
– श्यामलाल गुप्त पार्षद

Swadesh Desh Bhakti Poem in Hindi
जो भरा नहीं है भावों से
बहती जिसमें रसधार नहीं
वह हृदय नहीं है पत्थर है
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं
Most Popular Desh Bhakti Poem
सारे जहाँ से अच्छा
हिंदुस्तान हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी
वो गुलसिताँ हमारा।
परबत वो सबसे ऊँचा
हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा
वो पासबाँ हमारा।
गोदी में खेलती हैं
जिसकी हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिनके दम से
रश्क-ए-जिनाँ हमारा।
मज़हब नहीं सिखाता
आपस में बैर रखना
हिंदी हैं हम वतन है
हिंदुस्तान हमारा।
– मुहम्मद इक़बाल
Hindi Desh Bhakti Kavita
जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा
ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला
जहाँ हर बालक एक मोहन है और राधा हर एक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा
अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है कहीं हैं होली के मेले
जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा
जब आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले
जहाँ किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
प्रेम की बंसी जहाँ बजाता है ये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा
– राजेंद्र किशन

Desh Bhakti Hindi Poem
होंगे कामयाब,
हम होंगे कामयाब एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन।
हम चलेंगे साथ-साथ
डाल हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ-साथ, एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन।
होगी शांति चारों ओर, एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
होगी शांति चारों ओर एक दिन।
नहीं डर किसी का आज एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
नहीं डर किसी का आज एक दिन।
– गिरिजा कुमार माथुर
Patriotic Hindi Desh Bhakti Poem
जन गण मन अधि नायक जय हे!
भारत भाग्य विधाता
पंजाब सिंध गुजरात मराठा,
द्राविण उत्कल बंग।
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा,
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जय-गाथा।
जन-गण-मंगलदायक जय हे!
भारत भाग्य विधाता।
जय हे! जय हे! जय हे!
जय जय जय जय हे!
– रवींद्र नाथ ठाकुर
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