नशा मुक्ति पर निबंध

नशा मुक्ति पर निबंध

Essay On Nasha Mukti In Hindi: हम आप सभी को एक ऐसे टॉपिक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने हमारे देश के अधिकतर युवाओं को बर्बाद कर के रख दिया है। जी, हां आज हम आप सभी को नशे के हर पहलू से अवगत कराने जा रहे हैं। भारत में यह जहर बिल्कुल हवा के भांति फैल रहा है। इस आर्टिकल के द्वारा हम आपके साथ नशा मुक्ति पर निबंध शेयर करने जा रहे है। यह निबन्ध सभी विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

नशा मुक्ति पर निबंध | Essay On Nasha Mukti In Hindi

नशा मुक्ति पर निबंध (250 शब्द)

हमारे देश का उज्जल भविष्य युवाओं पर टिका होता है। अगर देश की युवा पीढ़ी ही गलत रास्ते में जानी लगे तो निश्चित ही उनका भविष्य अंधकार में चला जाता है। हमारे देश का युवा वर्ग को ज़िन्दगी के हर पहलु को जीने की इच्छा होती है। युवा वर्ग नशे को अपनी शान समझते है। वे शराब, गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट का नशा करते है। उनकी पार्टी नशे के बगैर अधूरी है।

आजकल के हमारे युवा को और कई व्यस्क लोग भी सिगरेट या शराब का सेवन करते हुए दिखाई देते हैं। उन्हें यह समझ नहीं आता की किसी भी प्रकार का नशा उनके लिए आगे चलकर हानिकारक और जानलेवा साबित हो सकता है। आजकल युवा वर्ग के लिए नशा एक फैशन बन गया है, यह उनके लिए अमृत के समान बन चुका है।

हमारे भारत देश में शराब और सिगरेट के निर्यात की वजह से करोड़ो रुपये मिलते है। सिगरेट के पैकेट्स पर नो स्मोकिंग लिखा रहता है, फिर भी रोज कम उम्र के लड़की और लड़के इसका भरपूर सेवन करते है। धूम्रपान या शराब का सेवन स्वस्थ के लिए हानिकारक होता है।

तम्बाकू, खैनी और गुटखा से माउथ कैंसर हो जाता है। कई सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करना मना होता है, मगर कुछ लोग किसी की सुनते नहीं है। उनको सिर्फ अपने मन की करनी होती है। यह सब करने में उनको एक अलग ही आनंद की प्राप्ति होती है लेकिन उनको यह नहीं पता है कि यह उनके लिए कितना हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

नशा मुक्ति पर निबंध (800 शब्द)

प्रस्तावना

अगर हम नशे से संबंधित इतिहास के विषय मे बात करें तो इसका उल्लेख सोम व सूरा जैसे ग्रंथो में देखने को मिलता है। पुराने समय के जो राजा महाराजा होते थे, वे मदिरापान के बहुत ही ज्यादा शौकीन हुआ करते थे। आधुनिक युग में भी इसका सेवन होते चला आ रहा है। अधिकतर हमें यह ज्यादा देखने को मिलता है कि लोग अत्यधिक चिंता करने के कारण नशे का सहारा ले लेते हैं और धीरे धीरे इसके लती हो जाते हैं।

नशा और युवा पीढ़ी

आज के समय में अधिकतर युवा वर्ग नशे की ओर झुक रहा है। युवा जो हमारे देश का उज्ज्वल भविष्य होते हैं, वे आज नशे की बुरी लत में पढ़कर अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां तक आज के समय में पुरुष तो पुरूष बहुत सी महिलाएं भी नशे की चपेट में आ रही हैं। भारत में नशे का सेवन बिल्कुल हवा की तरह फैल रहा है और बहुत सी लोगों की ज़िंदगियाँ खराब कर रहा है। बहुत से लोग इसका सेवन केवल अपनी लाइफस्टाइल को मेन्टेन करने के लिए करते हैं।

आज के समय हालात यह है कि बहुत से घर नशे की वजह से बर्बाद होते जा रहे हैं। लोग नशा करने के बाद अपना होश खो देते है और वे घर जाकर अशांति फैलाते हैं। अपने परिवारजनों से मार पीट करते हैं और गाली गलौज करते नज़र आते हैं। इसके साथ साथ मानसिक स्तर व सामाजिक स्तर भी बहुत प्रभावित होता है। नशे की वजह से ही हमें आर्थिक स्थिति का भी सामना करना पड़ता है। नशे की वजह से ही इंसान बर्बाद होता चला जाता है और इसी के चलते वो घर के लड़ाई झगड़े, मोहल्ले वालों से झगड़े और हर जगह तमाशा करने लगता है। अपना तो तमाशा बनाता ही बनाता है और अपने परिवार की भी इज़्ज़त को मिट्टी में मिला देता है।

नशे से होने वाले दुष्परिणाम

नशे से होने वाले दुष्परिणाम बहुत ही ज्यादा हानिकारक होते हैं। नशा आपके हँसते खेलते जीवन को तहस नहस कर के रख देता है। आजकल नाबालिक बच्चे भी अधिक मात्रा में नशे का सेवन करता है। भारत सरकार की ओर से हर नशे से संबंधित सामग्री पर चेतावनी दी होती है, पर लोगों को इससे बिल्कुल प्रभाव नही पड़ता है और वह नशा करते हैं।

नशा करने के बाद इंसान अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है, जिस कारण वह अपने आप को काबू नही कर सकता और नशे के चलते हर जगह झगड़ा करना, अपशब्द बोलना, गाली गलौज करना, घर पर कलेश मचाना आदि कृत्य करता है जबकि यह सरासर जुर्म की श्रेणी में आता है। नशे की वजह से आप अपने वाहन को नही चला सकते। लोग उसी अवस्था में वाहन चलाते हैं और दुर्घटना का शिकार होते हैं। इसके चलते आप अपने सामने वाले कि जान को भी खतरे में डालते हैं और साथ ही साथ अपनी जान को भी खतरे में डालते हैं।

अकसर नशे की शुरुआत हमारे मित्रों के समूह से ही होती है, चाहें वो कोई भी नशा क्यों न हो, उसके बाद मनुष्य की ऐसी अवधारणा बन जाती है कि वो अधिक मात्रा में नशे का सेवन करने लगता है और एक समय ऐसा आता है कि वो बहुत बुरी तरह फस जाता है और अपने जीवन को भी पूरी तरह बर्बाद कर लेता है, ऐसा करने से हम अपने जीवन को तो खराब करते ही हैं और साथ ही साथ अपने परिवार को भी खत्म करते चले जाते हैं।

नशे से होने वाली बीमारियां

नशे की लत के कारण हमें बहुत सी अन्दुरुनी बीमारियां हो सकती हैं। तम्बाकू, शराब, सिगरेट का अधिक मात्रा में सेवन करने से हमारे फेफड़े गुर्दे आदि पर प्रभाव पड़ता है और एक समय आने पर वो भी काम करना बंद कर देते हैं। इसके साथ ही साथ हमें यह भी ज्ञात होना चाहिए कि अगर हम ध्रूमपान कर रहे हैं और हमारे सामने या साथ वाले को उसका धुंआ लग रहा है, तो वो भी अनेक बीमारियों से ग्रसित हो सकता है जैसे मुहं का कैंसर होना, फेफड़े का खराब हो जाना और भी अनेकों बीमारी होना आदि ।

नशा मुक्ति के उपाय

भारत सरकार नशे को रोकने को के लिए रोजाना हर एक संभव कोशिश कर रही है और लोगों को जागरूक कर रही है। भारत में बहुत सारे काउंसिलिंग सेन्टर खुल रहे हैं। लोगों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है। वे लोग अपने काम को बहुत ही अच्छे से करते हैं।

जब लोग अपने जीवन से हारकर नशा करना चालू करते है तब और वो इस दलदल में बहुत बुरे फसते जा रहे है। इस दलदल से बाहर निकालने का काम चिकित्सक बखूबी करते हैं। भारत सरकार हेल्थ चेकप के साथ साथ नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता फैलाती है और लोगों को जागरूक करती है।

निष्कर्ष

हम सभी देश का भविष्य हैं। हमें नशे जैसी चीज़ को एक शौक के रूप में भी प्रयोग नही करना चाहिए। हमें जितना हो सके इससे दूर ही रहना चाहिए और ज्यादातर युवाओं को जागरूक करना चाहिए। अगर हमें एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना है, तो हमे नशे जैसी चीज को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए।

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