विश्व के प्रमुख घास के मैदान || grasslands of the world || grasslands

विश्व के प्रमुख घास के मैदान || grasslands of the world || grasslands

विश्व के घास के मैदान महत्वपूर्ण भू-भागों में से एक है। घास के मैदान वन्यजीवों के आश्रय स्थल के रूप में जाने जाते हैं। यह मरुस्थलीकरण को रोकने में मदद करता है। घास भूमि ऐसे विस्तृत क्षेत्र को कहा जाता है, जहां दूर-दूर तक घास और छोटे झाड़ फैले हुए होते हैं। इन घास भूमि में कहीं-कहीं छोटे-बड़े वृक्ष भी पाए जाते हैं। दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में घास के मैदानों को भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। अफ्रीका में स्थित “सवाना घास के मैदान विश्व भर में प्रसिद्ध है। अंटार्कटिक को छोड़ कर प्राय: हर महाद्वीप में घास के मैदानों का विस्तार है। भारत में भी घास के मैदान पाए जाते हैं। उत्तराखंड में स्थित ‘बुग्याल भारत के प्रसिद्ध घास के मैदानों में से एक है। इस पोस्ट में विश्व में घास के मैदान (Grasslands of the world) देखने जा रहे हैं।

विश्व के प्रमुख घास के मैदान (Grasslands of the World)

  • अवस्थिति के आधार पर घास के मैदान के प्रकार:-

अवस्थिति के आधार पर घास के मैदानों को दो भागों में बांटा जाता है।
1. उष्णकटिबंधीय घास के मैदान
2. शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान

  • उष्णकटिबंधीय घास के मैदान :-

इस प्रकार के घास के मैदानों का विस्तार दोनों गोलार्धों में ‘विषुवतरेखीय सदाबहार वनों तथा उष्ण मरुस्थली’ क्षेत्रों के बीच (5°C से 20°C उत्तरी एवं दक्षिणी आक्षांशों) पाया जाता है। इस प्रकार के घास के मैदान का विस्तार सबसे अधिक अफ्रीका महाद्वीप में है। इसके अलावा इस प्रकार के घास के मैदान का विस्तार दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में है। दक्षिण अमेरिका में अमेजन बेसिन द्वारा यह मैदान दो भागों में विभक्त है। उत्तर का भाग लैनास और दक्षिण भाग कैम्पास के नाम से जाना जाता है।

 सवाना (Savanna), अफ्रीका
 लैनाॅस (Lianos), दक्षिण अमेरिका
 कैम्पास (Campos), दक्षिण अमेरिका
 उत्तरी प्रदेश और क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया

  • सवाना (Savanna), अफ्रीका

उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में स्थित सवाना एक विशिष्ट प्रकार के प्राकृतिक वनस्पति है। इस क्षेत्र में अधिकतर लंबी-लंबी घास के रूप में प्राकृतिक वनस्पति पाई जाती है। इस क्षेत्र में पाई जाने वाली लंबी घास को “हाथी घास” (Elephant Grass) के नाम से जाना जाता है जिसकी ऊंचाई 5 मीटर से भी अधिक हो सकती है। इस क्षेत्र में स्थित वृक्ष शुष्क ऋतु में अपने पत्ते गिरा देते हैं।सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणायन होने के फलस्वरूप इस प्रदेश की जलवायु में मौसमी प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जाता है। और गर्मी तथा जाड़े की स्पष्ट दो ॠतुएं मिलती है। उत्तरी गोलार्ध में अप्रैल से सितंबर तक ग्रीष्म ॠतु होती है। और शेष समय शीत ऋतु रहती है। जबकि दक्षिणी गोलार्ध में अक्टूबर से मार्च तक ग्रीष्म ॠतु रहती है। और शेष समय में शीत ऋतु रहती है। यहां शीत ऋतु में वर्षा नहीं होती।

सवाना घास के मैदान का विस्तार मुख्य रूप से अफ्रीका महाद्वीप में से 20° दोनों अक्षांशों के बीच है। सवाना क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु तथा पशु-पक्षी पाए जाते हैं। मुख्य पशुओं में जिराफ, जेब्रा, हाथी, हिप्पोपोटामस, गैंडा, चीता, शेर, विटरविट्स, गजेल आदि प्रमुख है। ऑस्ट्रेलिया में कंगारू की प्रजाति भी पाई जाती है।

सेनेगल, गिनी, माली, नाइजर, चाड, सूडान, युगांडा, तंजानिया, केनिया, रोडेशिया, अंगोला आदि अफ्रिकी देशों में इसका विस्तार पाया जाता है। विश्व के अन्य भागों में स्थित सवाना घास के मैदान को लैनाॅस, कैम्पास इत्यादि नामों से जाना जाता है।

  • लैनाॅस (Lianos), दक्षिण अमेरिका

दक्षिण अफ्रीका के उत्तरी पूर्वी भाग में स्थित कोलंबिया और वेनेजुएला देशों में स्थित उष्णकटिबंधीय घास के मैदान को लैनाॅस अथवा लानोस घास के मैदान के नाम से जाना जाता है। यह मैदान सवाना घास भूखण्ड का ही एक भाग है। यह मैदान पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में एंडीज तथा उत्तर में वेनेजुएला के तटीय सीमा से घिरा है। इस क्षेत्र में बहने वाली प्रमुख नदी ओरिनिको है। जो पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ते हुए कोलंबिया और वेनेजुएला के बीच सीमा का निर्माण करती है। इस क्षेत्र में मई से नवंबर तक वर्षा होती है, दिसंबर से अप्रैल के बीच शुष्क मौसम रहता है।

  • कैम्पास (Campos), दक्षिण अमेरिका

कैम्पास घास के मैदान विश्व के महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र में से एक है। यह मैदान दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के ब्राजील के दक्षिण में एक बड़े क्षेत्र में स्थित है। इस क्षेत्र में वन्यजीवों को विविधता देखने को मिलता है। यह घास के मैदान पारिस्थितिक तंत्र के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है। पशुपालन के दृष्टिकोण से कैम्पास घास के मैदान महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस क्षेत्र की बड़ी आर्थिक गतिविधियां पशुपालन पर ही निर्भर है। कैम्पास घास का मैदान भी सवाना घास मैदान का एक भाग है।

  • उत्तरी प्रदेश और क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया

ये घास के मैदान उत्तर और उत्तर-पूर्व आस्ट्रेलिया में विस्तृत है। पशुपालन के दृष्टिकोण से यह घास का मैदान महत्वपूर्ण है। ये क्षेत्र भी सवाना घास के मैदान का एक भाग है।

  • शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान:-

शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदानों का विस्तार दोनों गोलार्धों में 23.5° से 66.5° अक्षांश के मध्य में है। इसका अधिकतर विस्तार यूरेशिया में “स्टेपी” (Steppe) घास के मैदान के रूप में है। जिसका विस्तार काला सागर से लेकर के अल्ताई पर्वत तक लगभग 3000 किलोमीटर के क्षेत्र में है। शीतोष्ण घास के मैदानों को उत्तरी अमेरिका में प्रेयरी, दक्षिण अमेरिका में पंपास, अफ्रीका में वेल्ड और ऑस्ट्रेलिया में डाउंस के नाम से जाना जाता है।

 स्टेपी (Steppe), युरेशिया
 प्रेयरी (Prairies), उत्तरी अमेरिका
 पम्पास (Pampas), दक्षिण अमेरिका
 वेल्ड (Veld), अफ्रीका
 डाउन्स (Downs), ऑस्ट्रेलिया

  • स्टेपी (Steppe), युरेशिया

स्टेपी घास के मैदान विश्व के विशाल घास के मैदानों में से एक है। इस क्षेत्र में घास अधिक तथा कहीं-कहीं छिटपुट पेंड़ भी पाए जाते हैं। यह घास का मैदान पूर्वी यूरोप में यूक्रेन से लेकर मध्य एशिया तक फैला हुआ हैं। स्टेपी क्षेत्र विश्व में गेहूं उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।

स्टेपी की जलवायु पछुआ हवा वाले पेटी में स्थित है। लेकिन अपनी आंतरिक स्थिति के कारण यहां वर्षा की पर्याप्त मात्रा का अभाव पाया जाता है। इस कारण यहां वृक्ष रहित घास के मैदान पाए जाते हैं। स्टेपी क्षेत्र की जलवायु शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र से संबंधित है। यहां ग्रीष्म ऋतु में तापमान बढ़कर 40 डिग्री सेल्सियस और सर्दियों में घटकर -40 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है। कुछ क्षेत्रों में दिन और रात के तापमान में बहुत ही अंतर पाया जाता है। मंगोलिया में एक दिन का तापमान बढ़कर 30 डिग्री सेल्सियस तथा रात में शून्य तक पहुंच सकता है। इस क्षेत्र के अलग-अलग भागों में वर्षा और हिमपात की मात्रा भिन्न-भिन्न होती है। स्टेपी के कुछ भाग में शुष्क मौसम रहता है जबकि कुछ भागों में ठंड में भारी हिमपात होती है।

स्टेपी क्षेत्र का भारत और एशिया के अन्य देशों के साथ ऐतिहासिक संबंध रहा है। इस दृष्टिकोण से स्टेपी घास के मैदान का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। विश्व प्रसिद्ध “रेशम मार्ग” इसी स्टेपी मार्ग से गुजरता था। जो चीन, उत्तर भारत, मध्य एशिया, तुर्की, यूरोप तथा अफ्रिका को जोड़ता था। कुछ विद्वान भारत में आर्यों के प्रवेश को मध्य एशिया से आया हुआ मानते हैं। तो वहीं कुछ विद्वान प्रसिद्ध सम्राट कनिष्क का संबंध स्टेपी क्षेत्र से मानते हैं।

भारत में आए कई आक्रमणकारी इसी स्टेपी क्षेत्र से आए थे। “दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक, मुगल सम्राज्य के संस्थापक बाबर, मंगोल आक्रमणकारी चंगेज खान भी इसी क्षेत्र से भारत आया था। भारतीय चिन्ह ‘स्वस्तिक,’ माथे पर ‘बिंदिया‘ इत्यादि स्टेपी क्षेत्र के पुरातात्विक स्थलों से मिले हैं। बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में स्टेपी का बड़ा योगदान रहा है।

  • प्रेयरी (Prairies), उत्तरी अमेरिका

उत्तरी अमेरिका में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको में विस्तृत शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान को प्रेयरी के नाम से जाना जाता है। यह विशाल घास के मैदान अन्न के भंडार है। ‘प्रेयरी‘ क्षेत्र गेहूं उत्पादन के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। अतः इसे रोटी की टोकरी भी कहा जाता है। यह क्षेत्र मक्का के उत्पादन के लिए भी विश्व में प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में ग्रीष्म ऋतु में मध्यम गर्मी तथा शीत ऋतु में अधिक ठंड पड़ती है। यहां वनस्पति घास-फूस और छोटे झाड़ियों के रूप में पाई जाती है। पेड़ों की संख्या कम देखने को मिलता है। इस क्षेत्र में विस्तृत घास के मैदान के कारण घास चरने वाले जीवों जैसे- ‘बाइसन‘ तथा विभिन्न प्रकार हिरण पाए जाते हैं।

  • पम्पास (Pampas), दक्षिण अमेरिका

पम्पास विश्व प्रसिद्ध शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदानों का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसका विस्तार दक्षिण अमेरिका में अर्जेंटीना, उरूग्वे और ब्राजील के दक्षिण भाग के रूप में मुख्य तौर से हैं। पम्पास का मैदान दक्षिण अमेरिका के निचली उपजाऊ भूमि के रूप में भी जाना जाता है। प्यूमा, रिहा, हिरण, लोमड़ी, श्वेत कान वाले ओप्पोसम, बिल्ली इत्यादि वन्य प्राणी यहां पाए जाते हैं।

  • वेल्ड (Veld), अफ्रीका

वेल्ड घास के मैदान का विस्तार मुख्यता दक्षिण अफ्रीका में पाया जाता है। इसके अलावा जिंबाब्वे, बोत्सवाना, नामीबिया के कई भागों में भी वेल्ड घास के मैदान का विस्तार है। शीतोष्ण कटिबंधीय घास के इस मैदानी क्षेत्र में अधिकतर भागों में घास देखने को मिलता है। वहीं कहीं-कहीं छोटी झाड़ियां एवं वृक्ष भी पाए जाते हैं। अफ्रिकन भाषा में खुले क्षेत्रों को ‘फल्ड‘ कहते हैं जो “VELD” लिखा जाता है। इस कारण से इस घास के मैदान को ‘वेल्ड घास’ के मैदान के नाम से भी जाना जाता है।

  • डाउन्स (Downs), ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण पूर्व में स्थित शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान को डाउंस के नाम से जाना जाता है। यह मैदान आस्ट्रेलिया का कृषि उत्पादन का प्रमुख केंद्र भी है। इस मैदानी क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु पाए जाते हैं। जिनमें “कंगारू सबसे प्रमुख है। कंगारू को ऑस्ट्रेलिया का प्रतीक माना जाता है।

  • भारत में घास के मैदान

भारत के घास भूमि ग्रामीण चारागाहों के रूप में भारत के पश्चिमी शुष्क क्षेत्रों में विस्तृत है। वहीं हिमालय के ढलानों पर मध्यम ऊंचाई पर भी घास के मैदान पाये जाते हैं। जिसे “अल्पाइन चरागाह भूमि के नाम से भी जानते है। इन्हें जम्मू-कश्मीर में ‘मर्ग’ तथा उत्तराखंड के गढ़वाल में ‘बुग्याल के नाम से पुकारा जाता है। उनमें से बुग्याल भारत के उत्तराखंड राज्यों 3300 मीटर से 4000 मीटर के बीच ऊंचाई पर पाया जाता है। इन घास के मैदानों को प्रकृति के अपने उद्यान के नाम से भी जानते हैं। इसके अतिरिक्त दक्षिण भारत के तमिलनाडु और नीलगिरी की पहाड़ियों के सदाबहार वनों में भी घास के मैदान पाए जाते हैं।

  • विश्व के कुछ प्रमुख घास के मैदान

 उष्णकटिबंधीय घास के मैदान
सवाना:- अफ्रीका, केन्या, तंजानिया
लैनास:- कोलंबिया और वेनेजुएला
कैम्पास:- ब्राज़ील,
क्वींसलैंड:- उत्तर-पूर्व ऑस्ट्रेलिया
पटाना:- श्रीलंका
सेल्वास:- आमेजन

 शीतोष्ण कटिबंधीय घास
स्टैपी:- दक्षिण पूर्वी यूरोप तथा मध्य एशिया (यूरेशिया)
प्रेयरी:- अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको
पम्पास:- अर्जेंटीना, उरूग्वे, दक्षिणी ब्राजील
वेल्ड:- दक्षिण अफ्रीका, जिंबाब्वे, वोत्सवाना
डाउंस:- दक्षिण पूर्व ऑस्ट्रेलिया
बुग्याल और मर्ग:- भारत
केंटरबरी:- न्यूजीलैंड
पुस्ताज:- हंगरी

  • घास के मैदान से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

विश्व में मुख्यतः दो तरह के घास के मैदान पाए जाते हैं, उष्ण कटिबंधीय घास के मैदान और शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान।
सवाना सबसे लंबा घास के मैदान है।
सबसे चौड़ा घास के मैदान स्टेपी को जाना जाता है।
सवाना क्षेत्र में पाई जाने वाली लंबी घास को “हाथी घास” (Elephant Grass) के नाम से जाना जाता है जिसकी ऊंचाई 5 मीटर से भी अधिक हो सकती है।
भूमध्य सागर से सबसे नजदीक स्थित घास के मैदान को ‘सवाना’ के नाम से जानते हैं।
ग्रेट प्लेन में स्थित घास के मैदान को ‘प्रेयरी घास के मैदान के नाम से जानते हैं।
 ‘अल्फा-अल्फा नामक पोषण युक्त घास का मैदान पंपास घास मैदान क्षेत्र में पाया जाता है।
कंगारू सबसे अधिक ऑस्ट्रेलिया स्थित “डाउंस घास” के मैदान में पाए जाते हैं।
दक्षिण अमेरिका में स्थित पंपास घास के मैदान अनाज और सूअर का उत्पादन के लिए जाना जाता है।
 उत्तरी अमेरिका में स्थित प्रेयरीगेहूं उत्पादन के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। इसे ” दुनियां की रोटी का टोकरी” (Bread Basket of the world) भी कहा जाता है।
यूरेशिया में स्थित स्टेपी घास के मैदान भी गेहूं की खेती के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है।
अंटार्कटिका को छोड़कर विश्व के सभी महाद्वीपों पर प्राकृतिक घास भूमि का विस्तार पाया जाता है।
विश्व में सर्वाधिक गेहूं की खेती ‘प्रेयरी घास के मैदान में की जाती है।

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