ग्लोब : अक्षांश व देशांतर रेखाएं (भूगोल, कक्षा 6)
अक्षांश व देशांतर रेखाएं : अक्षांश व देशांतर रेखाएं ग्लोब पर खींची गई वे कल्पित रेखाएं हैं जो किसी स्थान की स्थिति को स्पष्ट करती हैं । इनको जानने से पूर्व मानचित्र और ग्लोब के विषय में जानना आवश्यक होगा ।
मानचित्र : मानचित्र ( Map) एक ऐसा चित्र है जिसकी मदद से हम संसार के किसी भी भाग की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । परंतु मानचित्र पृथ्वी ( Earth ) के स्वरूप के विषय में अनेक भ्रांतियां उत्पन्न करता है ।

ग्लोब: ग्लोब ( Globe ) पृथ्वी का सबसे उत्तम तथा शुद्ध प्रतिरूप है ।
अक्षांश व देशांतर रेखाएं | Latitude and longitude lines
ग्लोब पर दो प्रकार की रेखाएं अंकित होती हैं । लेटी हुई रेखाएं अक्षांश तथा खड़ी हुई रेखाएं देशांतर रेखाएं हैं । यह काल्पनिक रेखाएं हैं । अक्षांश व देशांतर रेखाएं के माध्यम से पृथ्वी पर किसी स्थान की स्थिति सरलता से ज्ञात की जा सकती है ।
अक्षांश : भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण किसी दिए गए स्थान की कोणीय दूरी को अक्षांश ( Latitude ) कहते हैं ।
अक्षांश रेखाएं : समान अक्षांशों को मिलाने वाले मृत्यु या रेखाओं को अक्षांश वृत्त या अक्षांश रेखाएं कहते हैं ।
पृथ्वी के बीचो-बीच से जो अक्षांश रेखा गुजरती है उसे
0° अक्षांश रेखा या भूमध्य रेखा कहते हैं । इसे विषुवत रेखा या विषुवत वृत्त ( Equator ) भी कहते हैं ।
अक्षांश रेखाएं एक दूसरे के समानांतर होती हैं । अतः यह समानांतर रेखाएं भी कहलाती हैं ।
विषुवत वृत्त के अलावा इनकी कुल संख्या 180 है ।
विषुवत वृत्त सबसे बड़ा होता है इसके उत्तर तथा दक्षिण की ओर इनकी लंबाई क्रमशः कम होती जाती है ।
0° अक्षांश रेखा को विषुवत वृत्त या भूमध्य रेखा कहते हैं । यह पृथ्वी को दो भागों में बांटती है – उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिणी गोलार्ध । भूमध्य रेखा को वृहद वृत्त भी कहते हैं । भूमध्य रेखा पर दिन रात की अवधि बराबर होती है । विषुवत वृत्त पर देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी 111.3 किलोमीटर होती है ।
23° 30′ उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा तथा 23°30′ दक्षिणी अक्षांश रेखा को मकर रेखा कहते हैं । कर्क रेखा को ट्रॉपिक ऑफ़ कैंसर ( Tropic Of Cancer ) भी कहते हैं ।
66°30′ उत्तरी अक्षांश रेखा को आर्कटिक रेखा ( Arctic Line ) तथा 66°30′ दक्षिणी अक्षांश रेखा को अंटार्कटिक रेखा ( Antarctic Line ) कहते हैं ।
90° उत्तरी अक्षांश को उत्तरी ध्रुव ( North Pole ) तथा 90° दक्षिणी अक्षांश को दक्षिणी ध्रुव ( South Pole ) कहा जाता है ।
देशांतर रेखाएं/ याम्योत्तर रेखाएं : उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली रेखाएं देशांतर/ याम्योत्तर रेखाएं
( Longitudes ) कहलाती हैं । यह रेखाएं भी कल्पित रेखाएं होती हैं ।
देशांतर रेखाओं की संख्या 360 है ।
0° देशांतर रेखा को प्रधान मध्याह्न रेखा कहते हैं जिसके पूर्व तथा पश्चिमी ओर क्रमशः 180° तक देशांतर रेखाएं खींची गई हैं ।
0° देशांतर रेखा को पूर्व या पश्चिम कुछ नहीं लिखा जाता ।
180° देशांतर रेखा के पूर्व की ओर पूर्व तथा पश्चिम की ओर पश्चिम लिखा जाता है इसे अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा ( International Date Line ) भी कहते हैं ।
0° देशांतर रेखा को प्रधान मध्याह्न रेखा या ग्रीनविच रेखा भी कहते हैं ।
0° देशांतर रेखा अंतर्राष्ट्रीय मानक समय निर्धारित करती है । 0° देशांतर रेखा को वैज्ञानिकों ने 1884 ईस्वी में प्रधान मध्याह्न रेखा माना क्योंकि यह रेखा लंदन स्थित वेधशाला ( ग्रीनविच के पास ) में से गुजरती है इसलिए इस रेखा को ग्रीनविच रेखा भी कहते हैं ।
- अक्षांश और देशांतर रेखाओं के जाल को ग्रिड कहते हैं ।
- दो स्थानों के देशांतरों में 1° का अंतर होने पर 4 मिनट का अंतर आ जाता है ।
- 0° देशांतर रेखा से पूर्व की ओर जाने पर समय बढ़ता जाता है जबकि पश्चिम की ओर जाने पर समय कम होता जाता है ।
- 82°30′ पूर्वी देशांतर रेखा भारत के समय को निर्धारित करती है । यह रेखा इलाहाबाद के निकट रेनी नामक गांव से गुजरती है ।
- ग्रीनविच मानक समय ( Greenwich Standard Time ) तथा भारतीय मानक समय ( Indian Standard Time ) में साढे 5 घंटे का अंतर है ।
- भारत के सर्वाधिक पूर्व व पश्चिम के स्थानों के बीच 2 घंटे का अंतर है ।
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