स्वयं पर निबंध (MYSELF ESSAY IN HINDI)
स्वयं पर निबंध : प्रत्येक व्यक्ति अपने नज़र में श्रेष्ठ होता है और संपूर्ण होता है। हर इंसान को ईश्वर ने खास बनाया है। लेकिन जब हम किसी से पहली बार मिलते हैं, तो वो हमें जानने के लिए हमसे हमारे बारे में ही पूछता है। अक्सर स्कूल-कॉलेज आदि में जब हमारा पहला दिन होता है, तो हमसे स्वयं के बारे में लिखने या बोलने को कहा जाता है। हर कोई अपने आप को अच्छी तरह जानता ही है, लेकिन उसे शब्दों और वाक्यों में अभिव्यक्त करना थोड़ा कठिन होता है। इसी कठिनाई को दूर करने का हमने प्रयास किया है।
स्वयं पर निबंध (Short and Long Essay on Myself in Hindi, Khud par Nibandh Hindi mein)
स्वयं पर निबंध-1 (250 शब्द)
मेरा नाम क्वीन है लेकिन मेरा निकनेम सारा है। आमतौर पर मेरे अभिभावक और दादा-दादी मुझे मेरे निकनेम से ही बुलाते हैं। मेरे माता-पिता मेरे स्वास्थ्य को लेकर बहुत फिक्रमंद रहते हैं। वो मुझे रोज अलसुबह 5 बजे उठा देते हैं और सभी रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने को कहते हैं।
मेरी माँ मुझे रोज सुबह एक सेब और एक घंटे बाद स्वास्थ्यकारी नाश्ता देती हैं। स्कूल बस से मैं रोज समय से पहुंचती हूँ। मैं कभी देर नहीं होती। मेरा स्कूल सुबह 8 बजे शुरु होता है और दोपहर में 2 बजे खत्म होता है। मेरी माँ मुझे सुबह के समय फल और लंच ब्रेक के समय स्वथ्य भोजन खाने को देती है।
मैं दयाल सिंह पब्लिक स्कूल के कक्षा 8 में पढ़ती हूँ। मैं 13 वर्ष की हूँ और अपने माता-पिता के साथ करनाल में रखती हूँ। मैंने डाँस और पियानो क्लासेज़ ज्वॉइन किया है क्योंकि मुझे डाँस और पियानो सीखना बहुत पसंद है। मैं अपने दोस्तों के साथ स्कूल और अपने प्यारे माता-पिता और दादा-दादी के साथ घर का पूरा आनन्द लेती हूँ। मेरे पड़ोसी बहुत अच्छे हैं; वो एक-दूसरे को समझते हैं और कभी झगड़ा नहीं करते।
मुझे पिकनिक बहुत पसंद है और मैं अपने सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में यात्रा पर जाती हूँ। मैं अपने स्कूल की बहुत अच्छी विद्यार्थी हूँ। मैं स्कूल के सभी पाठ्ययेत्तर क्रियाकलापों में भाग लेती हूँ और अच्छा प्रदर्शन करती हूँ। मैं पढ़ाई और खेल क्रियाओं में बहुत अच्छी हूँ। मेरे स्कूल में एक बड़ा उद्यान है साथ ही एक बड़ा खेलने का मैदान भी है जिसमें खेल से जुड़ी सभी सुविधाएँ उपलब्ध है। मेरे स्कूल में स्वस्थ, प्यारा और शांतिपूर्ण माहौल है।
स्वयं पर निबंध-2 (300 शब्द)
मेरा नाम सुलेखा है; मै दिल्ली में कक्षा में 9 में पढ़ती हूँ। मैं एक स्व-चालित और स्व-प्रोत्साहित विद्यार्थी हूँ। मैं हमेशा अपने दोस्तों को प्रोत्साहित करना पसंद करती हूँ और उनके कठिन समय में उनकी मदद करती हूँ। मैं अपने स्कूल की एक होनहार छात्रा हूँ और अकादमिक और खेल की सभी क्रियाओं में अच्छा प्रदर्शन करती हूँ। मैं किसी भी तनावपूर्ण स्थिति में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम हूँ।
मैं अपने स्कूल में कौशलपूर्ण और ज्ञानपूर्ण विद्यार्थी हूँ। मैं अपने घर पर लंबे समय तक पढ़ाई करती हूँ। मैं कभी-भी अपने गृहकार्य और क्लास-वर्क को अधूरा नहीं छोड़ती और सोने से पहले उन्हें पूरा कर लेती हूँ। मेरी अच्छाई और समयनिष्ठता की वजह से मेरे टीचर्स मुझे बहुत पसंद करते हैं। मैं कभी थकती नहीं और हमेशा कड़ी मेहनत करती हूँ क्योंकि मेरे माता-पिता मेरा बहुत ध्यान देते हैं। वो मेरे स्वास्थ्य और खान-पान को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं।
मेरे अकादमिक में मैंने हमेशा अच्छे मार्क और ग्रेड प्राप्त किये। मैं अपने स्कूल में मेरिट स्कॉलर प्राप्त छात्रा हूँ। मैं अपने स्कूल में अच्छे से कम्प्यूटर सीखती हूँ और उसके बारे में सब कुछ जानती हूँ। मैं अपने सारे कार्य तय कार्यक्रम के अनुसार ही करती हूँ। मैं अपने किसी भी कार्य को नहीं टालती चाहे वो घर पर हो या स्कूल में। मैं अपने माता-पिता का बहुत सम्मान करती हूँ और अपनी माँ का घर के कामों में और पिता के ऑफिस प्रोजेक्ट में उनकी मदद करती हूँ। मैं अपने माँ के साथ कपड़े और बर्तन धुलवाने के काम को साझा करती हूँ।
मैं हमेशा अपने कमरे को साफ करती हूँ और हर रविवार को उसे आकर्षक तरीके से सजाती हूँ। मैं अपने और अपने परिवार के प्रति सारी जिम्मेदारियों को अच्छे से समझती हूँ। मैं हमेशा अपनी प्यारी बातों और चुटकलों से अपने दोस्तों और सहपाठियों को खुश रखने की कोशिश करती हूँ। मैं हमेशा उन्हें सलाह देने के लिये तैयार रहती हूँ जिससे वो अपने कठिन समय से बाहर निकल सकें। मैं बहुत सहानुभूतिपूर्ण लड़की हूँ और अपने कालोनी या रास्ते के बूढ़े लोगों और बच्चों को मदद करने की कोशिश करती हूँ।
स्वयं पर निबंध-3 (400 शब्द)
मैं अपने माता-पिता का एक प्यारा लड़का हूँ। मैं 14 वर्ष का हूँ और कक्षा 7 के वर्ग ‘ए’ में पढ़ता हूँ। मैं गाज़ियाबाद के रेयान पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूँ। मेरे दादा-दादी मुझे गुड्डु बुलाना पसंद करते हैं। वो हमेशा मुझे सुबह और शाम को बाहर ठहलाने के लिये ले जाते हैं। मैं गाज़ियाबाद के राजनगर कालोनी में रहता हूँ।
मैं रोज सुबह अपने स्कूल बस से ठीक 7 बजे स्कूल जाता हूँ और दोपहर को 2 बजे वापस आता हूँ। मैं नहाने के बाद पूरे स्कूल यूनिफार्म में स्कूल जाना पसंद करता हूँ। जब मैं स्कूल पहुँचता हूँ तो अपने क्लास टीचर को गुड मार्निंग बोलता हूँ । मैं रोज अपने दोस्तों के साथ बस में और लंच के समय मस्ती करता हूँ। मैं हमेशा खेल क्रियाओं और दूसरे स्कूली क्रियाकलापों में भाग लेता हूँ।
मेरा स्कूल हर 6 महीने में अंतर-स्कूली प्रतियोगिता आयोजित करता है जिसमें मैं जरुर भाग लेता हूँ। मै हमेशा सभी प्रतियोंगिताओं में प्रथम स्थान पर आता हूँ। हमारे जागरुकता और ज्ञान को बढ़ाने के लिये मेरा स्कूल वर्ष के सभी महत्वपूर्ण उत्सवों को मनाता है जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, क्रिसमस, गांधी जयंती, मातृ दिवस आदि।
हमें हमारे स्कूल शिक्षकों के द्वारा सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने की सलाह दी जाती है। मैं आमतौर पर भाषण या कविता पाठ में भाग लेता हूँ। मुझे नृत्य भी बहुत पसंद है लेकिन किसी कार्यक्रम मे नृत्य करने में मैं आरामदायक महसूस नहीं करता। हालांकि, मैं अपने वार्षिक उत्सव कार्यक्रम के नृत्य में भाग लेता हूँ जो हर वर्ष नवंबर में मनाया जाता है। मेरे अभिभावकों को भी स्कूल के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया।
मेरे हर सर्दी और गर्मी की छुट्टियों में मेरे माता-पिता मुझे पिकनिक या लंबी यात्रा के लिये बाहर ले जाते हैं। मैं बहुत अच्छे समाज में रहता हूँ जहाँ सामाजिक मुद्दों के बारे में आम लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये समय दर समय कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये मेरे पिता हमेशा मुझे अपने साथ ले जाते हैं।
भारत का एक अच्छा नागरिक बनने के लिये मेरी माँ हमेशा मुझे नैतिकता और सदाचार के बारे में सिखाती हैं। मैं हमेशा अपने पढ़ाई के कमरे और शयन कक्ष को साफ रखता हूँ। मैं हमेशा अपने साफ-सफाई का ध्यान रखता हूँ और खाने के पहले और बाद ठीक तरह से हाथ को साबुन से धोता हूँ। मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं और मेरी हर पसंद और नापसंद का ध्यान देते हैं। जब भी मेरे माता-पिता खाली होते हैं मैं उनके साथ कैरम और लूडो खेलना पसंद करता हूँ।
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