पतंग कविता कक्षा 12 हिंदी

पतंग कविता कक्षा 12 हिंदी | Patang Class 12 Hindi NCERT Solutions

पतंग कविता कक्षा 12 हिंदी : आज इस पोस्ट के माध्यम से हम कक्षा 12 की हिंदी की कविता पतंग से सम्बंधित अभ्यास के प्रश्न पढेंगे।

पतंग कविता कक्षा 12 हिंदी

निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

प्रश्न 1.

सबसे तेज़ बौछारें गयी। भादो गया

सवेरा हुआ

अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए

घंटी बजाते हुए जोर-जोर से

चमकीले इशारों से बुलाते हुए

पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को

चमकीले इशारों से बुलाते हुए और

आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए

खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा

शरद आया पुलों को पार करते हुए

कि पतंग ऊपर उठ सकें-

दुनिया की सबसे हलकी और रंगीन चीज़ उड़ सके

दुनिया का सबसे पतला कागज उड़ सके-

बस की सबसे पतली कमानी उड़ सके

कि शुरू हो सके सीटियों किलकारियों और

तितलियों की इतनी नाजुक दुनिया।

प्रश्न

(क) शरद ऋतु का आगमन कैसे हुआ?

(ख) भादों मास के बाद मौसम में क्या परिवतन हुभा?

(ग) पता के व्यारे में कये क्या बताता हैं?

(घ) बच्चों की दुनिया कैसी होती हैं?

उत्तर

(क) शरद ऋतु अपनी नयी चमकीली साइकिल को तेज चलाते हुए पुलों को पार करते हुए आया। वह अपनी साइकिल की घण्टी जोर-जोर से बजाकर पतंग उड़ाने वाले बच्चों को इशारों से बुला रहा है।

(ख) भादों मास में रात अंधेरी होती है। सुबह में सूरज का लालिमायुक्त प्रकाश होता है । चारों और उत्साह और उमंग का माहौल होता है

(ग) पतंग के बारे में कवि बताता है कि वह संसार की सबसे हलकी, रंग-बिरंगी व हलके कागज़ की बनी होती है। इसमें लगी बाँस की कमानी सबसे पतली होती है।

(घ) बच्चों की दुनिया उत्साह, उमंग व बेफ़िक़ी का होता है। आसमान में उड़ती पतंग को देखकर वे किलकारी मारते हैं तथा सीटियाँ बजाते हैं। वे तितलियों के समान मोहक होते हैं।

प्रश्न 2.

जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास

पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचन पैरों के पास

जब वे दौड़ते हैं बेसुध

छतों को भी नरम बनाते हुए

दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए

जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं।

डाल की तरह लचीले वेग सो अकसर

छतों के खतरनाक किनारों तक-

उस समय गिरने से बचाता हैं उन्हें

सिर्फ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत

पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ उन्हें शाम लेती हैं

महज़ एक धागे के सहारे।

 

प्रश्न

(क) पृथ्वी बच्चों के बचन पैरों के पास कैसे आती हैं?

(ख) छतों को नरम बनाने से कवि का क्या आशय हैं?

(ग) बच्चों की पेंग भरने की तुलना के पीछे कवि की क्या कल्पना रही होगी?

(घ) इन पक्तियों में कवि ने पतग उड़ाते बच्चों की तीव्र गतिशीलता व चंचलता का वर्णन किस प्रकार किया है?

उत्तर –

(क) पृथ्वी बच्चों के बेचैन पैरों के पास इस तरह आती है, मानो वह अपना पूरा चक्कर लगाकर आ रही हो।

(ख) छतों को नरम बनाने से कवि का आशय यह है कि बच्चे छत पर ऐसी तेजी और बेफ़िक्री से दौड़ते फिर रहे हैं मानो किसी नरम एवं मुलायम स्थान पर दौड़ रहे हों, जहाँ गिर जाने पर भी उन्हें चोट लगने का खतरा नहीं है।

(ग) बच्चों की पेंग भरने की तुलना के पीछे कवि की कल्पना यह रही होगी कि बच्चे पतंग उड़ाते हुए उनकी डोर थामें आगे-पीछे यूँ घूम रहे हैं, मानो वे किसी लचीली डाल को पकड़कर झूला झूलते हुए आगे पीछे हो रहे हों।

(घ) इन पंक्तियों में कवि ने पतंग उड़ाते बच्चों की तीव्र गतिशीलता का वर्णन पृथ्वी के घूमने के माध्यम से और बच्चों की चंचलता का वर्णन डाल पर झूला झूलने से किया है।

प्रश्न 3.

पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं।

अपने रंध्रों के सहारे

अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से

और बच जाते हैं तब तो

और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।

पृथ्वी और भी तेज घूमती हुई आती है।

उनके बेचैन पैरों के पास।

प्रश्न

(क) सुनहले सूरज के सामने आने से कवि का क्या आशय हैं?

(ख) गिरकर बचने पर बच्चों में क्या प्रतिक्रिया होती है?

(ग) पतर्गों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं‘-आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर –

(क) सुनहले के सामने आने का आशय है-सूरज के समान तेजमय होकर क्रियाशील होना तथा बालसुलभ क्रियाओं जैसे-खेलना- कूदना, ऊधम मचाना, भागदौड़ करना आदि में शामिल हो जाना।

(ख) गिरकर बचने के बाद बच्चों की यह प्रतिक्रिया होती है कि उनका भय समाप्त हो जाता है और वे निडर हो जाते हैं। अब उन्हें तपते सूरज के सामने आने से डर नहीं लगता। अर्थात वे विपत्ति और कष्ट का सामना निडरतापूर्वक करने के लिए तत्पर हो जाते हैं।

(ग) पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं का आशय है बच्चे खुद भी पतंगों के सहारे कल्पना के आकाश में पतंगों जैसी ही ऊँची उड़ान भरना चाहते हैं। जिस प्रकार पतंगें ऊपर-नीचे उड़ती हैं उसी प्रकार उनकी कल्पनाएँ भी ऊँची-नीची उड़ान भरती हैं जो मन की डोरी से बँधी होती हैं।

पतंग कविता कक्षा 12 हिंदी (काव्य-सौंदर्य / शिल्प-सौंदर्य)

पूरी कविता से काव्य-सौंदर्य/शिल्प-सौंदर्य के कुछ कॉमन पॉइंट्स:

●प्रकृति का सुन्दर मानवीकरण किया गया है।
● इस पद में दृश्य, श्रव्य और स्पर्श बिंबों की सुंदर योजना बनी हुई है।
● सहज, सरल तथा आडम्बरहीन सामान्य हिंदी भाषा का प्रयोग हुआ है।
● शब्द-प्रयोग सर्वथा उचित तथा भावाभिव्यक्तिमें सहायक है।
● इस पद में मुक्तक छंद की सुंदर योजना है।

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1.
सबसे तेज बौछारें गई भादो गया
सवेरा हुआ
खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद या पुलों को पार करते हुए
अपनी नई चमकीनी साइकिल तेज चलाते हुए
घंटी बजाते हुए जोर-जोर से
धमकोल इशारों से बुलाते हुए
पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को

प्रश्न
(क) शरत्कालीन सुबह की उपमा किससे दी गई हैं। वयों
(ख) मानवीकरण अलकार किस पक्ति में प्रयुक्त हुआ है। उसका सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
(ग) शरद ऋतु के आगमन वाले बिंब का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर
(क) शरत्कालीन सुबह की उपमा खरगोश की लाल आँखों से दी गई है क्योंकि प्रातःकालीन सुबह में आसमान में लालिगा 8 जाती है। वह लालिमा ठीक उसी तरह होती है जैसे खरगोश की आँखों की लालिमा।

(ख) मानवीकरण अलंकार वाली पंक्तियाँ शरद आया पुलों को पार करते हुए बुलाते हुए। संदर्य-यहाँ शरद को नई लाल साइकिल तेजी से चलाते हुए, पुल को पार करके आते हुए दर्शाकर उसका मानवीकरण किया गया है।

(ग) इन पंक्तियों में शरद को भी बच्चे के रूप में चित्रित किया गया है जो अपनी नई साइकिल की घंटी जोर-जोर से बजाते हुए अपने चमकीले इशारों से बच्चों को बुलाने आ रहा हैं। मानो कह रहा हो, ‘चलो चलकर पतंग उड़ाते हैं।’

2.

जन्म से ही के अपने साध लाते हैं कयास
पृथ्वी घूमती हुई आती हैं उनके बैचैन पैरों के पास
जब वे दौड़ते हैं बेसुध
छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
जब वे पेग भरते हुए चले आते हैं।
इल की तरह नाचल वेगस अफसर
छतों के खतरनाक किनारों तक-
उस समय गिरने से बचाता है उन्हें
सिर्फ उनके ही रोमांचित शरीर का सगीत
पतंगों की धड़कती ऊँचाइयों उन्हें थाम लेती हैं महज एक धागे के सहारे।

प्रश्न

(क) प्रस्तुत काव्याश मेंमानवीकरण अलंकार का प्रयोग किस प्रकार हुआ है। बताइए।
(ख) काव्यांश के शिल्प-सौंदर्य पर प्रकाश डालिए।
(ग) डाल की तरह लचीला वेग सौदर्य को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर =
(क) कवि ने इस काव्यांश में मानवीकरण अलंकार का सुंदर प्रयोग किया है। पृथ्वी, पतंग, दिशा आदि सभी में मानवीय क्रियाकलापों का भाव आरोपित किया गया है, जैसे-
• पृथ्वी पूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास।
• दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए।
• पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ उन्हें थाम लेती हैं।

(ख) कवि ने साहित्यिक खड़ी बोली में सहज अभिव्यक्ति की है। उसने मिश्रित शब्दावली का प्रयोग किया है। पृथ्वी, दिशा, मृदंग, संगीत आदि तत्सम शब्द तथा नरम, अकसर, सिर्फ, महज आदि शब्दों का सुंदर प्रयोग किया है। उपमा अलंकार का सुंदर प्रयोग हैं,
जैसे-
– दिशाओं को मृदंग की तरह बताते हुए, वे पेग भरते हुए चले आते हैं, डाल को लचीले वेग से।
• कवि ने दृश्य, स्पर्श व श्रव्य बिंबों का प्रयोग किया है, जैसे- दृश्य बिंब पृथ्वी घूमती हुई आती है, जब वे दौड़ते हैं बेसुध।
श्रव्य बिंब-दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए।
• मुक्तक छंद है, परंतु कहीं भी टूटन नजर नहीं आती। भाव एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

(ग) इस पंक्ति में कवि ने वर्षों के शरीर के लचीलेपन की तुलना पेड़ की डाल से की है। पेड़ की डाल एक जगह जुड़ी रहती है फिर भी वह हिलती रहती है। बच्चे भी पतंगड़ाते समय अपने शरीर को झुलाते पीछे आगे करते रहते हैं। यह उनकी स्फूर्ति को सिद्ध करता है। यह प्रयोग सर्वथा नया है।

3.
पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं।
अपने रंध्रों के सहारे
अगर वे कभी गिरते हैं। छतों के खतरनाक किनारों से
और बच जाते हैं तब तो
और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।
पुथ्वी और भी तेज घूमती हुई आती हैं।
उनके बचन पैरों के पास।

प्रश्न

(क) काव्यांश का भाव सौंदर्य बताइए।
(ख) काव्यांश में अलकार-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
(ग) काव्यांश की भाषागत विशेषता पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर –
(क) कवि ने इस काव्यांश में बच्चों के क्रियाकलापों व उनकी सहनशक्ति का वर्णन किया है। वे पतंग के सहारे कल्पना में उड़ते रहते । हैं। यह लाक्षणिक प्रयोग है। ‘सुनहले सूरज के सामने आने का अर्थ यह है कि वे उत्साह से आगे बढ़ते हैं।

(ख)
• काव्यांश में मानवीकरण अलंकार है। पृथ्वी का तेज घूमते हुए बच्चों के पास आना मानवीय क्रियाकलाप का उदाहरण है।
• ‘साथ साथ’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
• ‘सुनहले सूरज में अनुप्रास अलंकार है।

(ग)
• कवि ने लाक्षणिक भाषा का प्रयोग किया है।
• खतरनाक, सुनहले, तेज, बेचैन आदि विशेषणों का सुंदर प्रयोग है तथा खड़ी बोली में सहज अभिव्यक्ति है।
• मिश्रित शब्दावली का प्रयोग है।
• मुक्तक छंद है।
• दृश्य बिंबों का ढेर है, जैसे-
– छतों के खतरनाक किनारे।
– पृथ्वी और भी तेज घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास।

पतंग कविता कक्षा 12 हिंदी

प्रश्न 1. ‘सबसे तेज बौछारें गई, भादो गया’ के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।

भादो महीने के काले बादल अब लौट गए और सारा आकाश साफ हो गया है। इसके बाद खरगोश की लाल-भूरी आँखों जैसा शरद कालीन सवेरा हो गया है। संपूर्ण प्राकृतिक वातावरण उज्ज्वल तथा धुला-सा लग रहा है। चारों तरफ धूप चमक रही है और प्रकृति में उज्ज्वल निखार आ गया है। धीमी धीमी हवा चल रही है और आकाश भी कोमल हो गया है। बच्चे समझ गए हैं कि पतंगबाजी के ऋतु आ गई है।

प्रश्न 2. सोच कर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया होगा? क्या इसका संबंध हल्के मन से जुड़ता है?

यहाँ कवि पाठकों के सामने पतंग के रूप-रंग और उसके हल्केपन का वर्णन करना चाहता है। कवि पतंग की विशेषता बताते हुए लिखता है कि वह सबसे हल्की, रंगीन, पतली है। पतंग की विशेषताएँ बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं और उनके मन में पतंग के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न होती है। पतंग उड़ाते समय बच्चे सीटियाँ तथा किलकारियाँ मारते हैं। पतंग में बच्चों को उल्लास देने की क्षमता होती है।

प्रश्न 3. बिंब स्पष्ट करें –    (परीक्षोपयोगी नहीं है)

सबसे तेज़ बौछारें गयीं भादो गया
सवेरा हुआ
खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए
घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके।

उत्तर:- • तेज़ बौछारें = दृश्य (गतिशील) बिंब

  • सवेरा हुआ = दृश्य (स्थिर) बिंब
  • खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा = दृश्य (स्थिर) बिंब
  • पुलों को पार करते हुए = दृश्य (गतिशील) बिंब
  • अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए= दृश्य (गतिशील) बिंब
  • घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से = श्रव्य बिंब
  • चमकीले इशारों से बुलाते हुए = दृश्य (गतिशील) बिंब
  • आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए = स्पर्श बिंब
  • पतंग ऊपर उठ सके = दृश्य (स्थिर) बिंब

प्रश्न 4. जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास- कपास के बारे में सोचें कि कपास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता है?

कपास बड़ी कोमल व हल्की होती है। वह चोट को आसानी से सहन कर लेती है। बच्चों में कपास के गुण देखे जा सकते हैं। वे हल्के-फुल्के शरीर वाले होते हैं। उनका कोमल तथा छरहरा शरीर आसानी से चोट को सहन कर लेता हैं। उनके पाँव की तालियाँ कपास जैसी कोमल होती हैं। ऊँचाई से कूदने पर उनके पैरों को चोट नहीं लगती। बल्कि उन्हें कठोर छत भी कोमल लगने लगती है।

प्रश्न 5. पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं- कवि ने बच्चों के लिए ऐसा क्यों कहा है?

जिस प्रकार पतंग आकाश में उड़ते हुए ऊँचाई को स्पष्ट कर लेती है, उसी प्रकार बच्चे भी छत पर उड़ते हुए दिखाई देते हैं। पतंग को उड़ता देख बच्चों में उत्साह तथा उमंग भर जाता है। ऐसी स्थिति में बच्चे खतरनाक ऊँचाइयों की परवाह नहीं करते। उन्हें दीवारों से गिरने का डर नहीं लगता। वे अपने शरीर के तरंगित संगीत की लय पर पतंग के समान उड़ते हुए दिखाई देते हैं। इसलिए कवि को लगता है कि बच्चे पतंगों के साथ उड़ रहे हैं।

प्रश्न 7. दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य है?

दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का तात्पर्य है कि जब बच्चे पतंग उड़ाते समय ऊँची दीवारों से छतों पर कूदते हैं तो उनके पैरों से एक मनोरम संगीत उत्पन्न होता है। ऐसा लगता है कि आसपास मृदंग बज रहा है और उसकी मधुर ध्वनि सभी और घूम रही है।

प्रश्न 8. जब पतंग सामने हो तो छत पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती है?

पतंग उड़ाते समय हमारा ध्यान केवल पतंग उड़ाने में लगा रहता है। हमारा उत्साह, उमंग तथा निराशा पतंग के साथ जुड़ी होती है। जब हम कठोर छतों पर कूदते हैं तो हमें छत की कठोरता अनुभव नहीं होती। ऐसा लगता है कि मानो पतंग के साथ उड़ रहे हो।

प्रश्न 9. खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद आप दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को कैसा महसूस करते हैं?

जब मनुष्य एक बार खतरनाक परिस्थितियों का सामना कर लेता है तब उसमें निर्भीकता उत्पन्न हो जाती है। ऐसी स्थिति में मनुष्य सुनहरे सूरज के समान चमकने लगता है। उसका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है तथा वह कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना करने में समर्थ हो जाता है।

पतंग कविता कक्षा 12 हिंदी

प्रश्न 1: पतंग कविता का प्रतिपद्य बताइए।

उत्तर -इस कविता में कवि ने बालसुलभ इच्छाओं व उमंगों का सुंदर वर्णन किया है। पतंग बच्चों की उमंग व उल्लास का रंगबिरंगा सपना है। शरद ऋतु में मौसम साफ़ हो जाता है। चमकीली धूप बच्चों को आकर्षित करती है। वे इस अच्छे मौसम में पतंगें उड़ाते हैं। आसमान में उड़ती हुई पतंगों को उनका बालमन छूना चाहता है। वे भय पर विजय पाकर गिर गिर कर भी सँभलते रहते हैं। उनकी कल्पनाएँ पतंगों के सहारे आसमान को पार करना चाहती हैं। प्रकृति भी उनका सहयोग करती है, तितलियाँ उनके सपनों की रंगीनी को बढ़ाती हैं।

प्रश्न 2:शरद ऋतु और भादों में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – भादों के महीने में काले-काले बादल घुमड़ते हैं और तेज बारिश होती है। बादलों के कारण अँधेरा-सा छाया रहता है। इस मौसम में जीवन रुक-सा जाता है। इसके विपरीत, शरद ऋतु में रोशनी बढ़ जाती है। मौसम साफ़ होता है, धूप चमकीली होती है और चारों तरफ उमंग का माहौल होता है।

प्रश्न 3: शरद का आगमन किसलिए होता है?

उत्तर = शरद का आगमन बच्चों की खुशियों के लिए होता है। वे पतंग उड़ाते हैं। वे दुनिया की सबसे पतली कमानी के साथ सबसे हलकी वस्तु को उड़ाना शुरू करते हैं।

प्रश्न 4 बच्चों के बारे में कवि ने क्या-क्या बताया हैं?

उत्तर – बच्चों के बारे में कवि बताता है कि वे कपास की तरह नरम व लचीले होते हैं। वे पतंग उड़ाते हैं तथा झुंड में रहकर सीटियाँ बजाते हैं। वे छतों पर बेसुध होकर दौड़ते हैं तथा गिरने पर भयभीत नहीं होते। वे पतंग के साथ मानो स्वयं भी उड़ने लगते हैं।

प्रश्न 5: प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने सबसे’ शब्द का प्रयोग कई बार किया हैं, क्या यह सार्थक हैं?

उत्तर – कवि ने हलकी, रंगीन चीज, कागज, पतली कमानी के लिए सबसे शब्द का प्रयोग सार्थक ढंग से किया है। कवि ने यह बताने की कोशिश की है कि पतंग के निर्माण में हर चीज हलकी होती है क्योंकि वह तभी उड़ सकती है। इसके अतिरिक्त वह पतंग को विशिष्ट दर्जा भी देना चाहता है।

प्रश्न 6: किन-किन शब्दों का प्रयोग करके कवि ने इस कविता को जीवत बना दिया हैं?

उत्तर –

– तेज़ बौछारें गई – भादों गया।

– नयी चमकीली तेज साइकिल – चमकीले इशारे

– अपने साथ लाते हैं कपास – छतों को भी नरम बनाते हुए

प्रश्न 7: ‘किशोर और युवा वर्ग समाज के मागदशक हैं।’ -‘पतंग’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर = कवि ने ‘पतंग’ कविता में बच्चों के उल्लास व निभीकता को प्रकट किया है। यह बात सही है कि किशोर और युवा वर्ग उत्साह से परिपूर्ण होते हैं। किसी कार्य को वे एक धुन से करते हैं। उनके मन में अनेक कल्पनाएँ होती हैं। वे इन कल्पनाओं को साकार करने के लिए मेहनत करते हैं। समाज में विकास के लिए भी इसी एकाग्रता की जरूरत है। अत: किशोर व युवा वर्ग समाज के मार्गदर्शक हैं।

 

Patang Class 12 Hindi MCQ | Patang MCQ Questions | पतंग MCQ

पतंग कविता कक्षा 12 हिंदी

1. बच्चे पतंगों के साथ-साथ किस के सहारे उड़ रहे हैं?

A. फूलों
B. तंतुओं
C. धागे
D. कल्पना

ANSWER= D. कल्पना

2. ‘पतंगकविता में कपासकिसकी प्रतीक है?

A. प्रकाश
B. कोमलता
C. सफेदी
D. शांति

ANSWER= B. कोमलता

3. पतंग उड़ाने वाले बच्चे दिशाओं को किसके समय बजाते हैं?

A. ढोलक के समान
B. वीणा के समान
C. बाँसुरी के समान
D. मृदंग के समान

ANSWER= D. मृदंग के समान

4. पृथ्वी किनके बेचैन पैरों के पास घूमती हुई आती है?

A. तितलियों के
B. खरगोश के
C. बच्चों के
D. वीरों के

ANSWER= C. बच्चों के

5. कौन-सी ऋतु आकाश को मुलायम बना देती है?

A. गीष्म
B. वसंत
C. शरद
D. वर्षा

ANSWER= C. शरद

6. पतंग उड़ाते हुए बच्चे किसके सहारे स्वयं भी उड़ते-से है?

A. साहस के
B. फेफड़ों के
C. शक्ति के
D. रंध्रों के

ANSWER= D. रंध्रों के

7. पतंग कविता में लाल सवेरा को कैसा कहा गया है?

A. खरगोश की आँखों जैसा
B. उजाला
C. कपास जैसा
D. चमकीला

ANSWER= A. खरगोश की आँखों जैसा

8. दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन चीज़ किसे कहा गया है?

A. पतंग को
B. अणु को
C. किरण को
D. कली को

ANSWER= A. पतंग को

9. दौडते भागते बच्चे दिशाओं को किसकी तरह बजाते हैं?

A. ढोलक
B. सितार
C. मृदंग
D. बाजा

ANSWER= C. मृदंग

10 ‘पतंगकविता के कवि हैं-

A. आलोक रस्तोगी
B. आलोक मिश्रा
C. आलोक धन्वा
D. आलोक श्रीवास्तव

ANSWER= C. आलोक धन्वा

11. कवि ने तेज़ बौछारों के जाने के साथ ही किस महीने के भी चले जाने की बात कही है?

A. सावन
B. आषाढ़
C. अश्विन
D. भादो

ANSWER= D. भादो

12. किस की आँखों जैसा लाल सवेरा हुआ?

A. बिल्ली
B. खरगोश
C. बंदर
D. गाय

ANSWER= B. खरगोश

13. पुलों को पार करते हुए कौन-सी ऋतु आई?

A. शरद
B. वसंत
C. पावस (वर्षा)
D. ग्रीष्म

ANSWER= A. शरद

14. कवि के अनुसार दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन उड़ने वाली चीज़ है-

A. तितली
B. पतंगा
C. पतंग
D. मोटर

ANSWER= C. पतंग

15. शरद क्या चलाते हुए आता है?

A. घोड़ा
B. साइकिल
C. आँधी
D. मोटर

ANSWER= B. साइकिल

16. शरद क्या बजा रहा है?

A. घंटी
B. थाली
C. बाजा
D. ढोलक

ANSWER= A. घंटी

17. शरद बच्चों के झुंड को कैसे इशारों से बुलाता है?

A. तिरछे
B. सीधे
C. तीखे
D. चमकीले

ANSWER= D. चमकीले

18. ‘कपासकिस की प्रतीक है?

A, प्रकाश की
B. अंधकार की
C. कोमलता की
D. शांति की

ANSWER= C. कोमलता की

19. पतंग के साथ बच्चे कैसे दौड़ते हैं?

A. खड़े रहते हैं
B. संभलकर
C. रुक-रुक कर
D. बेसुध होकर

ANSWER= D. बेसुध होकर

20. ‘मृदंगक्या है?

A. बांसुरी
B. लंबी ढोलक
C. सितार
D. शहनाई

ANSWER= B. लंबी ढोलक

21.उन बच्चों का वेग किस की तरह लचीला है?

A. रबड़
B. फूल
C. डाल
D. घास

ANSWER= C. डाल

22. ‘पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैंसे आशय है-

A. उड़ान भरना
B. स्वप्न देखना
C. आकाश छू लेने का अहसास होना
D. पतंग उड़ने पर प्रसन्न होना

ANSWER= C. आकाश छू लेने का अहसास होना

23. शरद की साइकिल कैसी है?

A. लाल
B. नीली
C. काली
D. चमकीली

ANSWER= D. चमकीली

24. आकाश को मुलायम बनानेसे आशय है-

A. कोमल होना
B. बादल छा जाना
C. स्वच्छ, सहज
D. वर्षा होना

ANSWER= C. स्वच्छ, सहज

25. बच्चों के रोमांचित शरीर का संगीत क्या करता है?

A. गिरने से बचाता है
B. नचाता है
C. सब को बुलाता है
D. गूंजने लगता है

ANSWER= A. गिरने से बचाता है

26. पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ उन्हें क्या करती हैं?

A. पुकारती हैं
B. आनंद देती हैं
C. गिराती हैं
D. थाम लेती हैं

ANSWER= D. थाम लेती हैं

27. बच्चे किन के साथ-साथ उड़ रहे हैं?

A. पक्षियों के
B. पतंगों के
C. बादलों के
D. वायुयानों के

ANSWER= B. पतंगों के

28. छतों के खतरनाक किनारों से किस का भय है?

A. टकराने का
B. टूटने का
C. गिरने का
D. संभलने का

ANSWER= C. गिरने का

29. ‘पतंगकविता में चमकीले विशेषणकिस के लिए है?

A. पतंगों के लिए
B. शरद के लिए
C. कठोर दिशाओं के लिए
D. इशारों के लिए

ANSWER= D. इशारों के लिए

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