गणतंत्र दिवस पर मंच संचालन स्क्रिप्ट | Republic Day Anchoring Script in Hindi
Republic Day Anchoring Script in Hindi पढने वाले वक्ताओं, मंच संचालकों, प्रेरकों को का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। 73 वें गणतंत्र दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनाएं।
Republic Day Anchoring Script in Hindi
गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के मंच संचालन की ये स्क्रिप्ट लिखने से पहले आपको एक बात जरूर कहूंगा कि गणतंत्र दिवस हम लोग भारतीय संविधान को अंगीकृत करने के उपलक्ष्य में मनाते हैं और स्वतंत्रता दिवस आजादी के उपलक्ष्य में मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस पर मंच संचालन स्क्रिप्ट
इसलिए मंच संचालन करते हुए या भाषण देते हुए यह बात स्पष्ट कर ले कि आप गणतंत्र दिवस पर बोल रहे हैं या स्वतंत्रता दिवस पर।
देशभक्तों ने 15 अगस्त के दिन आजादी दिलवाई और एक स्वतंत्र राष्ट्र का ही अपना संविधान हो सकता है तो यह बात ठीक है कि हम देशभक्तों के बलिदान को याद करें, भाषण दें या देशभक्ति की प्रस्तुतियां दें। पर अधिकतर देखने में आता है कि हम 26 जनवरी को भी 15 अगस्त के कार्यक्रम की तरह देशभक्ति, बलिदान, आजादी से जुड़ी बातें, भाषण या प्रस्तुतियां ही करते हैं।
कार्यक्रम विषय के अनुसार प्रस्तुतिकरण हो तो ज्यादा उचित रहेगा।
ज्यादातर हम लोग अपने वक्तव्य मंच संचालन में या प्रस्तुतियों में खास दिन की महत्ता को प्रस्तुत नहीं कर पाते।
गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के मंच संचालन में आप भारतीय संविधान, हमारे अधिकार, कर्तव्य, नारी अधिकारों के बारे में जितनी जानकारी प्रभावकारी ढंग से प्रस्तुतियों के बीच जरूर बताएं। ताकि सुनने वालों में जागरूकता आए और लोग कानून का पालन, नारी अधिकारों के प्रति सचेत हो। देश में व्यवस्था स्थापित हो।
यानी एक मंच संचालक, वक्ता का लक्ष्य केवल बोलना ही न होकर बल्कि लोगों में अवेयरनेस और भाईचारा कायम करना हो।
बहुत अच्छा होगा अगर एक मंच संचालक कार्यक्रम के शुरुआती दौर में प्रभावकारी वाक शैली में भारतीय संविधान की प्रस्तावना भी बोले।
एक मंच संचालक कार्यक्रम शुरू होने के 20-25 मिनट पहले मंच आ जाए।
साउंड सेटिंग के साथ-साथ जितने भी अतिथि, बच्चे, नारी शक्ति, युवा, बुजुर्ग आए होते हैं उनके साथ शायरी, शब्दावली और अपनी बातों से संप्रेषण शुरू कर दे, ताकि कार्यक्रम आरंभ होने से पहले अच्छा वातावरण बन जाए और मंच संचालक का आत्मविश्वास भी मजबूती पकड़ ले।
बहुत अच्छा होगा अगर एक मंच संचालक कार्यक्रम के शुरुआती दौर में प्रभावकारी वाक शैली में भारतीय संविधान की प्रस्तावना भी बोले।
जैसा कि मैंने पहले भी बताया है कि एक मंच संचालक को कार्यक्रम शुरू होने के 20-25 मिनट पहले मंच आ जाए।
साउंड सेटिंग के साथ-साथ जितने भी अतिथि, बच्चे,नारी शक्ति, युवा, बुजुर्ग आए होते हैं उनके साथ शायरी, शब्दावली और अपनी बातों से संप्रेषण शुरू कर दे ताकि विधिवत रूप से कार्यक्रम आरंभ होने से पहले अच्छा वातावरण बन जाए और मंच संचालक का आत्मविश्वास भी मजबूती पकड़ ले।
20-25 मिनट पहले आप क्रमानुसार दी गई इन शायरी और शब्दावली से आप अच्छा माहौल बना सकते हैं।
मंच संचालक की एंट्री शायरी और अभिवादन के साथ
गदगद कंठ से वंदन करता हूं
चरणों की धूलि को चंदन करता हूं
परमपिता परमात्मा की करके स्तुति
हृदय से सबका अभिनंदन करता हूं।
भारतीय संविधान के इस पावन दिवस पर सबसे पहले आप सभी बच्चों, विद्यार्थियों, युवाओं, बुजुर्गों और उपस्थित नारी शक्ति को हार्दिक प्रणाम करता हूं।
आज के दिन हम भारतीय संविधान को अंगीकृत करके पूर्ण रुप से स्वतंत्र हुए भारत-वर्ष का अपना एक वजूद बना।
इस उपलक्ष में आज का दिन उत्सव के रूप में मना रहे हैं। यह हमारे लिए गौरव की बात है।
आओ प्रभु से हम दुआ मांगे
जिंदगी जीने की अदा मांगे
अपनी खातिर तो बहुत मांगा है
आओ आज सबके लिए भला मांगें
बस ऐसा ही भाव रहे हमारा कि सभी के जीवन में खुशियां आए। जिस तरह से भारतीय संविधान में सभी को समानता, स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए।
उसी तरह से मानव मन में भी ऐसे ही भाव हों की बिना किसी भेदभाव के सभी को सम्मान मिले।हर हृदय में मानवता का वास हो। ऐसी ही प्रेरणा से भरा होगा ये दिन।
बहारों की महफिल सुहानी रहेगी
लब पर खुशियों की कहानी रहेगी
चमकते रहेंगे खुशियों से ये सितारे
अगर आप की तालियों की मेहरबानी रहेगी
आज के इस पावन दिवस के सम्मान में एक बार अपनी तालियों से प्रांगण को गुंजायमान कर दीजिए।
इसी तरह हम साथ मिलकर गणतंत्र के संस्थापको को याद करेंगे। शहीदों की कुर्बानी को सलाम करते हुए राष्ट्र के प्रति कृतसंकल्प होंगे।
दिन निकला हर दिन जैसा
पर आज का दिन कुछ खास हो
अपने लिए तो मांगते हैं रोज
आज सबके भले की अरदास हो
हर दिन शुभ होता है। एक उपलब्धि लेकर आता है। हम सब हर दिन खुद से वादा करें कि हमारा जीवन सबके भले के लिए हो। जैसे हमारा संविधान लिखने वाली विभूतियां थी, आजादी दिलवाने वाले देशभक्त थे। हम भी आज के दिन ऐसी प्रेरणा लें।
जब तक हमारे मुख्य अतिथि आते हैं सभी से निवेदन है कि वे अपना अपना स्थान ग्रहण करें। एक अच्छे अनुशासन के साथ गणतंत्र दिवस का ये उत्सव मनाएंगे
इसी दौरान आपके पास नारी के बारे में भी कोई शायरी,शब्द होने चाहिए।
बहन, बेटियां, नारी शक्ति हर कार्यक्रम में उपस्थित होती है।
नारी तुम प्रेम हो
आस्था हो विश्वास हो
टूटी हुई उम्मीदों की
एकमात्र आस हो
कार्यक्रम में उपस्थित सभी माताओं बहनों को मातृशक्ति को प्रणाम करता हूं।
जगत जननी नारी हमेशा पूजनीय रहेगी। देश की आज़ादी के महान बलिदानी हों चाहे भारतीय संविधान के संस्थापक हों।
बड़े-बड़े महापुरुष का जन्म एक नारी की कोख से ही होता है। समाज में हर मां, बहन, बेटी का सम्मान बना रहे।
जब तक मुख्य अतिथि नहीं आते या विधिवत रूप से कार्यक्रम शुरू नहीं होता आप इसी तरह से बीच-बीच में जाकर प्रारंभ में बच्चों, बुजुर्गों, बेटी या देशभक्ति पर शायरी, कविता, तुकबंदी, संविधान के बारे में कोई अच्छी जानकारी स्टेज पर पढ़ सकते हैं।
प्रांगण में बैठे श्रोताओं में से किसी बच्चे को भी मंच पर एक दो मिनट की कविता या कार्यक्रम विषयानुसार ऐसी बात बोलने के लिए बुला सकते हैं।
सभा में बैठे श्रोताओं से आप इसी तरह से मंच के माध्यम से संवाद बनाए रखिए।
इसी बीच आपके बोलते हुए मुख्य अतिथि आ जाते हैं आप बोल सकते हैं।
फितरत बन चुकी है
दिल ए बेकरार की
अब तो आदत सी हो गई है
आपके इंतजार की
छोटे से इंतजार के बाद हमारे आज के ख़ास मेहमान का प्रांगण में पहुंचने पर दिल से अभिनंदन करते हैं।
जिंदगी में एक नई सौगात हो जाए
काश आपसे प्यार भरी मुलाकात हो जाए
दिल की उमंगों को पंख लग जाएंगे
बस आपकी तालियों की बरसात हो जाए
जोरदार तालियों से हम स्वागत करेंगे आज के हमारे ऑनरेबल Chife Guest श्री……….. का जो हमारे कार्यक्रम में आए और हमें अनुग्रहित किया।