आत्मनिर्भर भारत पर निबन्ध

आत्मनिर्भर भारत पर निबन्ध (SELF RELIANT INDIA ESSAY IN HINDI)

आत्मनिर्भर भारत पर निबन्ध : आत्मनिर्भर भारत का अर्थ है स्वयं पर निर्भर होना, यानि खुद को किसी और पर आश्रित न करना। कोरोना महामारी के दौरान लाकडाउन मे सारे विश्व मे हर किसी के लिए खाने, पीने और रहने मे परेशानी पैदा कर दी है। महामारी की इस संकट को देखते हुए भारत को आत्मनिर्भर होने की जरुरत है। भारत प्राचीन काल से ही आत्मनिर्भर रहा है, और इस कड़ी मे आत्मनिर्भर बनकर आप खुद के परिवार के साथ-साथ आप अपने देश को फिर से प्रगति के मार्ग पर खड़ा करने मे मदद कर सकते है। यहां नीचे आत्मनिर्भरता और आत्मनिर्भर भारत के कुछ महत्वपुर्ण बातों पर मैने तीन अलग-अलग निबन्ध दिये है आइएं उनपर नजर ड़ालते है।

आत्मनिर्भर भारत पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Self Reliant India in Hindi, Atmanirbhar Bharat par Nibandh Hindi mein)

निबन्ध 1 (250 शब्द) – आत्मनिर्भर भारत

प्रस्तावना

भारत की कला और संस्कृति को देखते हुए यह बात स्पष्ट होती है कि भारत प्राचीन काल से ही आत्मनिर्भर रहा है। आज हमे कोरोना माहामारी की इस संकट मे खुद को आत्मनिर्भर बनाने की जरुरत है।

आत्मनिर्भर होने का मतलब है कि आपके पास जो स्वयं का हुनर है उसके माध्यम से एक छोटे स्तर पर खुद को आगे की ओर बढ़ाना है या फिर बड़े स्तर पर अपने देश के लिए कुछ करना है। आप खुद को आत्मनिर्भर बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण इस कोरोना संकट मे कर सकेगे और इसके साथ ही आप अपने राष्ट्र मे भी अपना योगदान दे सकेगें।

आत्मनिर्भर भारत के रुप

हांलाकि आत्मनिर्भरता शब्द नया नही है। ग्रामीण क्षेत्रों मे कुटीर उद्योग के द्वारा बनाए गए सामानों और उसकी आमदनी से आए पैसों से परिवार का खर्च चलाने को ही आत्मनिर्भरता कहा जाता है। कुटीर उद्योग या घर मे बनाए गए सामानों को अपने आस-पास के बाजारों मे ही बेचा जाता है, यदि किसी की समाग्री अच्छी गुणवत्ता का हो तो, अन्य जगहों पर भी इसकी मांग होती है। एक आम भाषा मे कहा जाए तो कच्चे मालों से जो सामान घरों मे हमारे जीवन के उपयोंग के लिए बनाई जाती है तो हम उसे लोकल सामाग्री कहते है पर सत्य यही है कि यही आत्मनिर्भता का एक रुप है। कुटीर उद्योग सामाग्री, मत्स्य पालन इत्यादि आत्मनिर्भर भारत के कुछ उदाहरण है।

आत्मनिर्भरता की श्रेणी मे खेती, मत्स्य पालन, आंगनवाडी मे बनाई गयी सामाग्री इत्यादि अनेक प्राकार को कार्य है जो कि हमे आत्मनिर्भरता की श्रेणी मे लाकर खड़ा करती है। इस प्रकार से हम अपने परिवार से गांव, गांव से जिला, एक दूसरे से जोड़कर देखे तो इस प्रकार पूरे राष्ट्र को योगदान देते है। इस तरह से हम भारत को आत्मनिर्भर भारत के रुप मे देख सकते है।

निष्कर्ष

हम सहजता से मिल जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों और कच्चे मालों के द्वारा वस्तुओं का निर्माण करके अपने आसपास के बाजारों मे इसे बेच सकते है। इससे आप स्वयं के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की राह मे अपना योगदान दे सकते है, और हम सब मिलकर एक आत्मनिर्भर राष्ट्र निर्माण सपने को मजबूत बनाने मे सहयोग कर सकते है।

निबन्ध 2 (400 शब्द) – आत्मनिर्भर भारत का सपना

प्रस्तावना

हर किसी का सपना होता है कि वो आत्मनिर्भर बने और यह वास्तव मे किसी व्यक्ति मे सबसे अच्छा गुण होता है। यदि कोई व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है तो वह हर मुंश्किलों का सामना करके आगे बढ़ता है और मुसीबतों से खुद को आसानी से निकाल लेता है। हर व्यक्ति खुद मे आत्मनिर्भर बनकर अपनी, अपने परिवार के साथ-साथ अपने देश के उत्थान मे भी अपना पूरा सहयोग कर सकता है।

आत्मनिर्भर भारत बनने की जरुरत क्यो

भारत प्राचीन काल से ही संसाधनों से परिपूर्ण देश रहा है। यहां हर प्रकार के चीजों को बनाने और उसका अपने जीवन मे उपयोग कर अपने राष्ट्र निर्माण मे मदद कर सकता है। पूरे विश्व मे केवल भारत ही ऐसा देश है जहां सबसे अधिक प्राकृतिक संसाधन पाये जाते है, जो कि बिना किसी देश की मदद से जीवन से लेकर राष्ट्र निर्माण की वस्तुएं बना सकता है और आत्मनिर्भर के सपने को पूरा कर सकता है।

  • हालाकि भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना नया है। यह सपना महात्मा गांधी ने आजादी के बाद ही स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था, पर गरीबी और भुखमरी के कारण उनका सपना साकार न हो सका।
  • करोना महामारी के कारण पिछले कई महीनों से सारा विश्व बन्द पड़ा है, जिसके कारण छोटे लोगों से लेकर पूंजीपतियों तक को भारी नुकसान और परेशानीयों का सामना करना पड रहा है। खासतौर से हमारे छोटे और मध्यम वर्ग के परिवारों को कमाने खाने की समस्या काफी बढ़ गयी है।
  • कोरोना महामारी के कारण किसी भी देश से सामानों का आदान-प्रदान बन्द है। इसलिए मई के महीने मे तालाबन्दी के दौरान हमारे प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनने का आह्वाहन किया है। उन्होने “लोकल फॉर वोकल” का भी नारा दिया। जिसका अर्थ है कि लोकल मे बनी वस्तुओं का उपयोग और उनका प्रचार करना और एक पहचान के रुप मे आगे बढ़ना।
  • महामारी के दौरान ही चीन ने भारत के डोकलाम सीमा क्षेत्र मे कब्जा करने की कोशिश की, जिसमे भारत के लगभग 20 जवान शहीद हो गए। सीमा के इस विवाद मे भारत के सैनिकों की क्षति के कारण देश के हर कोने से चीनी सामान को बैन करने की माँग के साथ ही, चीनी सामानो को बन्द कर दिया गया और प्रधानमंत्री ने सारे देश को आत्मनिर्भर बनने का मंत्र दिया। उन्होने कहा कि आत्मनिर्भर बनकर घरेलु चीजों का इस्तेमाल करें ताकि हमारा राष्ट्र मजबूती के साथ खड़ा हो सके।
  • पिछले कुछ महीनों से विश्व कोरोना वायरस महामारी के कारण बन्द पड़ा है। इसके कारण सारे विश्व मे वित्तीय संकट के बादल छाएं है। इसी कड़ी मे भारत ने खुद को आत्मनिर्भर बनाने और राष्ट्र को आगे ले जाने फैसला किया है। विश्व बन्दी के कारण सारे विश्व के उत्पादों पर भारी असर हुआ है, इसलिए भारत ने स्वयं को आत्मनिर्भर बनाकर देश की तरक्की पर अपना कदम आगे बढ़ाया है।

इन सभी स्थितियों को देखते हुए और भारत की मूल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों से आत्मनिर्भरता से लेकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने को देशवासीयों से अपील की है। भारत इस ओर धीरे-धीरे अग्रसर भी हो रहा है।

निष्कर्ष

कोरोना की महामारी काल मे सभी देश अपने आन्तरिक स्थितीयों और समस्याओं, बेरोजगारी, भुखमरी, चिकित्सा और कई अन्य समस्याओं से जुझ रहा है और भारत भी उनमे से ही एक है। भारत को इन समस्याओं से लड़ने और देश को तरक्की की राह पर आगे ले जाने के लिए आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने मे अग्रसर है।

इसे भी पढ़ें :  मेरा विद्यालय पर निबंध

1 thought on “आत्मनिर्भर भारत पर निबन्ध”

Leave a Comment

close