Slogan Writing

Slogan Writing : नारा लेखन कैसे किया जाता हैं

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Slogan Writing

नारा लेखन

नारा या स्लोगन क्या हैं (What is Slogan Writing)

नारे को हिंदी में उद्घोष , आह्वान वाक्य , नीतिवचन , सिद्धांत वाक्य , प्रचार वाक्य भी कहते हैं ।

नारे का शाब्दिक अर्थ है। जोर का शब्द , तेज आवाज , बुलंद की जाने वाली सामूहिक या एकल आवाज ।

व्याकरणिक परिचय – यह एक पुलिंग है और संज्ञा है।

नारे की परिभाषा 

नारा विभिन्न विषयों से संबंधित , समाज में किसी वस्तु की विशेषता को स्थापित करता है। संक्षिप्त , सार्थक एवं प्रेरणादायक वाक्य ही नारा या स्लोगन कहलाता है।

एक ऐसा वाक्य या शब्दों का एक ऐसा समूह जो लोगों की जुबान पर चढ़ जाए। और जो लोगों को प्रेरित करने की क्षमता रखते हो । उसे नारा कहते है। नारे के हर शब्द में शक्ति होती हैं जो लोगों के मन में अचूक प्रभाव डालती हैं। यानि नारे जनमानस के हृदय में छा जाते हैं

सरल शब्दों में कहें तो किसी व्यक्ति , पक्ष , दल के उद्देश्य को अभिव्यक्त करने लिए लयबद्ध , विशेषता बताने वाला , प्रेरणादायक , ऊर्जावान तथा तुकांत युक्त आदर्श विचार , जो लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करने के लिए लिखा या बोला जाता है। वह नारा कहलाता है। नारे बहुत प्रभावशाली होते है। नारे बार-बार दोहराये या बोले जाते हैं।

इसमें किसी सूक्ष्म सिद्धांत तथ्य को अत्यंत सरल , सहज बना कर आम जन को उससे जोड़ लिया जाता है। मुख्य रूप से आह्वान वाक्यांश या प्रेरणादायक शब्दों को ही नारा कहा जाता है।सरल भाषा में लिखा गया नारा लोगों के जुबान पर चढ़ जाता हैं। नारे सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव डालते हैं।

नारे  राजनैतिक , वाणिज्यिक , धार्मिक और अन्य संदर्भों में , किसी विचार या उद्देश्य को बारंबार अभिव्यक्त करने के लिए प्रयुक्त एक यादगार व आदर्श-वाक्य हैं । 

स्वतंत्रता आंदोलन में रही नारों की अहम भूमिका  

नारा भारत समेत विश्व में कहीं भी नया नहीं है। इसका अपना एक पूरा इतिहास है। प्राचीन काल से ही नारों का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता था जो लोगों को प्रेरित करने की क्षमता रखते थे। विश्व के सभी देशों में अलग-अलग उद्देश्य से नारों को लिखा या बोला जाता रहा है।

हमारे देश में आजादी के वक्त भी बहुत से नारे प्रचलित हुए जिन्होंने भारतीय जनमानस में बहुत गहरा प्रभाव डाला था। जैसे करो या मरो , वंदे मातरम  , “तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हें आजादी दूंगा” आदि । इन नारों में शब्दों के पीछे स्वतंत्रता आंदोलन का पूरा इतिहास छिपा हुआ है।

इन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में जनमानस पर गहरा प्रभाव डाला। यानि हम यह कह सकते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन के वक्त इन चंद शब्दों ने हथियार से भी ज्यादा तीखा प्रहार किया।

नारों के प्रकार

नारे कई प्रकार के होते हैं। जैसे सामाजिक , धार्मिक , राजनैतिक , उत्साहदायक , व्यवसायिक आध्यात्मिक एवं प्रेरकात्मक नारे। अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग उद्देश्य से नारे लिखे जाते हैं।

नारे लेखन का उद्देश्य 

नारे लिखने के निम्न उद्देश्य हो सकते हैं। 

  1. किसी विशेष व्यक्ति , संस्था , सामाजिक राजनैतिक या किसी भी अन्य अभियान की ओर लोगों का ध्यान खींचने के लिए।
  2. समाज को एक आदर्श संदेश देना।
  3. लोगों को किसी कार्य विशेष के लिए प्रेरित करना।
  4. सामाजिक अभिव्यक्ति को प्रकट करना।
  5. लोगों को किसी उद्देश्य के प्रति जागरूक करना। जैसे जल ही जीवन है में पानी को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने का उद्देश्य छुपा है।

नारे / स्लोगन की विशेषताएं

  1. नारा ऐसा होना चाहिए जो सीधे लोगों के दिलों में उतर जाय।
  2. नारा अगर तुक व लय के साथ लिखा गया हो तो , बहुत अच्छा होता हैं।
  3. नारों में सरल , लोकप्रिय व प्रचलित शब्दों का प्रयोग होना चाहिए। ताकि लोगो की जुबान पर जल्दी चढ़ जायेगा ।
  4. स्लोगन या नारा बहुत ही संक्षिप्त और प्रभावशाली होना चाहिए।
  5. स्लोगन गंभीर अर्थ लिए हुए होना चाहिए।
  6. नारे की शब्द सीमा अधिकतम 10 या 12 शब्दों की होनी चाहिए।
  7. नारों में विषय विशेषता का वर्णन सटीक होना चाहिए।
  8. नारे में हमेशा एक आदर्श संदेश होना चाहिए , जो लोगों को प्रेरित व जागृत कर सके।
  9. मौलिकता , रचनात्मकता व आकर्षक शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
  10. शब्दों का उचित चयन व आपसी तालमेल आवश्यक है।
  11. पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग किया जा सकता हैं।

जैसे

जल है तो जीवन है।

या

जल है तो कल है।

जल “पानी” का पर्यायवाची शब्द हैं।

12 .  नारा एक या दो पंक्ति का हो सकता है।

जैसे –

(1)

“प्रकृति का ना करें हरण ,

आओ मिलकर बचाए पर्यावरण।”

(2)

हम सब का एक ही नारा ,

हिंदी देश की शान है।

(3)

देश को आगे बढ़ाना है।

निरक्षर को साक्षर बनाना है।

(4)

चुनाव है लोकतंत्र की एकता का आधार।

मतदान करके इसके महत्व को करो साकार।

नारों से फायदा 

  1. नारों की शक्ति अचूक होती है जो जनमानस के हृदय पर सीधा प्रभाव डालती है।
  2. नारों के माध्यम से बहुत कम शब्दों में अपनी बात को जन जन तक पहुंचाया जा सकता हैं।
  3. लोकप्रिय नारे समाज में परिवर्तन की क्षमता रखते हैं।
  4. नारों का असर बहुत तीव्र व जल्दी होता है।
  5. नारे शब्द रूपी वो हथियार है जो जिस मकसद से लिखे या बोले जाते हैं। उस मकसद को जल्दी पूरा करते हैं।
  6. नारे लोगों को प्रेरित करने के लिए जोर जोर से व बार-बार दोहराये जाते है। जिससे लोगों पर इसका असर जल्दी होता हैं।

स्वतंत्रता आंदोलन के कुछ प्रसिद्द नारे

  1. जय हिन्द – सुभाष चन्द्र बोस
  2. करो या मरो – महात्मा गाँधी
  3. वन्दे मातरम् – बंकिम चन्द्र चटर्जी
  4. इन्कलाब जिंदाबाद – भगत सिंह
  5. जय जवान जय किसान – लाल बहादुर शास्त्री
  6. स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मै इसे लेकर रहूँगा – बल गंगाधर तिलक
  7. तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हे आजादी दूंगा – सुभाष चन्द्र बोस
  8. सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है – रामप्रसाद बिस्मिल
  9. आराम हराम है – जवाहरलाल नेहरु

अन्य प्रसिद्द नारे

  1. जल है तो , जीवन है।
  2. बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ।
  3. आत्मनिर्भर भारत , समर्थ भारत।
  4. “पेड़ लगाओ , पेड़ बचाओ , इस दुनिया को , हरा भरा बनाओ ।”
  5.   हिन्दी है भारत की शान , आगे इसे बढ़ाना है

हर दिन हर पल हमको ,  हिन्दी दिवस मनाना है।

  1.      पर्यावरण की करोगे तुम रक्षा ,

तभी होगी धरती की सुरक्षा।

7 .        पेड़ लगाएं , धरती  बचाएँ।

  1.        पेड़ लगाएं , पर्यावरण बचाएँ।

Covid -19 यानि कोरोना पर स्लोगन /नारे 

1 .  पापा घर में रहो , बाहर कोरोना है।

सब मिल साथ रहेंगे , किसी को नहीं खोना है।

2 .  खुद पर कर्फ्यू लगाएं , कोरोना वायरस और ना फैलाएं।

3 .  घर बैठकर करना है , हम सभी को यह टास्क।

धोते रहना है हाथों को और लगाए रहना है मास्क।

4 .  अबकी बार , कोरोना पर सीधा प्रहार।

5 .  छींकते – खांसते समय इन बातों का रखें ख्याल।

नाक और मुंह को ढंकने में रुमाल या टिश्यू करें इस्तेमाल।

Slogan Writing  , नारा लेखन

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