ईमानदार लकड़हारा की कहानी हिंदी में

The Honest Woodcutter Story in Hindi | ईमानदार लकड़हारा की कहानी हिंदी में

ईमानदार लकड़हारा की कहानी हिंदी में

किसी नगर में एक लकड़हारा रहता था। वह दूर जंगल से लकड़ियाँ काट कर नगर में लाता था। उन लकड़ियों को बेचकर जो धन वह कमाता उससे अपने परिवार का काम चलाता था। वह एक ईमानदार लकड़हारा था।

एक दिन उसने नदी के किनारे स्थित पेड़ की लकड़ियाँ काटनी चाहीं। वह लकड़ियाँ काटने के लिए पेड़ पर चढ़ गया। लकड़ियाँ काटते समय अचानक उसका कुल्हाड़ा हाथ से छूट कर नदी में जा गिरा। नदी में बहुत गहरा पानी था। उसे तैरना भी नहीं आता था। अतः वह किनारे पर बैठकर रोने लगा।

थोड़ी ही देर में नदी में से पानी का देवता बाहर निकला। उसने लकड़हारे से उसके रोने का कारण पूछा। लकड़हारे ने रो कर देवता को कुल्हाड़े के नदी में गिरने की बात बताई। पानी का देवता तुरन्त पानी में कूदा और एक सोने का कुल्हाड़ा लाकर लकड़हारे को दिया। लकड़हारा ईमानदार था। वह लोभी नहीं था। अतः उसने वह कुल्हाड़ा नहीं लिया। दूसरी बार पानी में कूद कर देवता एक चाँदी का कुल्हाड़ा लेकर आया। लकड़हारे ने उसे भी लेने से इन्कार कर दिया क्योंकि यह भी उसका नहीं था।

तीसरी बार कूद कर देवता नदी में से लोहे का कुल्हाड़ा लेकर आया। यह लकड़हारे ने खुशी से ले लिया क्योंकि वह कुल्हाड़ा लकड़हारे का अपना कुल्हाड़ा था। देवता लकड़हारे की ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुआ। उसने सोने और चाँदी के कुल्हाड़े लकड़हारे को उसकी ईमानदारी के लिए दे दिए। लकड़हारा प्रसन्नचित्त अपने घर लौटा।

शिक्षा-

ईमानदारी एक उत्तम गुण है।

 

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